नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देश-विदेश/शिव कुमार यादव/- पंजाब में कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह पर एक्शन शुरू होते ही विदेशों में बैठे उसके समर्थक चिंतित होने शुरू हो गये हैं। कनाडा और ब्रिटेन में तो इसकी चर्चा होने लगी है। जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को सत्ता में समर्थन देने वाली न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रधान जगमीत सिंह का कहना है कि उन्होंने कनाडा पीएम से भारत सरकार से बातचीत करने का आग्रह किया है। वहीं लंदन में तो खालिस्तानी समर्थकों ने उच्चायोग पर ही हमला कर दिया। इतना ही नही तिरंगे का भी अपमान किया गया है। भारत में नागरिक स्वतंत्रता व इंटरनेट को बंद करने से वह चिंतित हैं।
बीसी के सेंट्रल से सांसद रणदीप सिंह सरां ने कहा कि भारत के पंजाब से आ रही खबरों से बेहद चिंतित हूं। चार लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगाया गया है, स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं। एडमिंटन से कंजरवेटिव पार्टी के सांसद टिम उप्पल का कहना है कि पंजाब से आ रही खबरों से काफी चिंता है। सरकार ने इंटरनेट बंद कर रखा है।
कनाडा के बैंप्टन से लिबरल पार्टी के सांसद गुररत्न सिंह का कहना है कि पंजाब में क्या हो रहा है? सिख कार्यकर्ताओं की सामूहिक गिरफ्तारी। इंटरनेट व मैसेज को बंद करना। सार्वजनिक सभाओं पर नकेल कसना व मानवाधिकार मीडिया की व्यापक सेंसरशिप। भारत सरकार को बता दें कि हम इस दमन की निंदा करते हैं। कैलगरी से सांसद जसराज सिंह हालान ने कहा कि पंजाब से आने वाली खबरों से काफी चिंतित हूं। स्थिति पर लगातार नजर है। ओंटारियों विधानसभा सदस्य प्रभमीत सिंह सरकारिया समेत कई नेताओं ने भी चिंता व्यक्त की है।
ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग में खालिस्तान समर्थकों ने की तोड़फोड़
अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बीच लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला हुआ है। खालिस्तान समर्थक हमलावरों ने इस दौरान तिरंगे का भी मान किया। कुछ हमलावरों ने उच्चायोग में तोड़फोड़ भी की। बताया जाता है कि घटना के समय भारतीय उच्चायोग के बाहर सुरक्षा व्यवस्था नगण्य थी जिसके कारण हमलावर घटना को आसानी से अंजाम दे सके।
हमलावरों की संख्या करीब 80 बताई जा रही है। घटना से नाराज भारत ने ब्रिटिश उच्चायुक्त को तलब किया हालांकि उच्चायुक्त एलेक्स एलिस के दिल्ली से बाहर होने के कारण उच्चायोग के उप प्रमुख विदेश मंत्रालय पहुंचे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने घटना को लेकर ब्रिटेन के राजनयिक को कड़ा संदेश दिया। इस मामले में ब्रिटिश सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ भी भारत ने सख्त नाराजगी जताई और सभी हमलावरों को गिरफ्तार करने को कहा है।
ब्रिटेन के उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने घटना की निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, मैं लंदन में भारतीय उच्चायोग के लोगों और परिसरों के खिलाफ आज के शर्मनाक कृत्य की निंदा करता हूं। यह अस्वीकार्य है।
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