वैदिक सिद्धांत सर्वोपरि विषय पर गोष्ठी सम्पन्न

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

March 2025
M T W T F S S
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  
March 11, 2025

हर ख़बर पर हमारी पकड़

वैदिक सिद्धांत सर्वोपरि विषय पर गोष्ठी सम्पन्न

ईश्वर पाप क्षमा नहीं करता-आचार्य विजय भूषण आर्य
NMNews आचार्य विजय भूषण आर्य
NMNews आचार्य विजय भूषण आर्य

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-  केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में ष्वैदिक सिद्धांत सर्वोपरिष् विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया । यह कॅरोना काल मे 236 वा वेबिनार था ।
                      वैदिक युवा विद्वान् आचार्य विजय भूषण आर्य ने कहा कि ईश्वर कभी पाप क्षमा नहीं करता व हमारे किये कर्मो का फल हमे प्राप्त होता है, यही ईश्वरीय न्याय व्यवस्था है । उन्होंने वैदिक सिद्धांत सर्वोपरि विषय पर   बहुत ही सुन्दर,  सरल ,तार्किक एवं वेदों के प्रमाण प्रस्तुत करते हुए ईश्वर द्वारा न कभी अवतार लिया जा सकता है और न ही भविष्य में कभी अवतार लिया जायेगा । आत्मा परमात्मा का अंश नहीं,अपितु एक स्वतंत्र सत्ता है । भगवान् और परमात्मा के गुण अलग अलग हैं । भगवान् अर्थात् दिव्य आत्मा इस संसार में समय समय पर जन्म कल्याण के लिए जन्म लेती हैं ,परन्तु ईश्वर जो सृष्टि का रचयिता है वह शरीर धारण नहीं करता ।शरीर धारण करना कर्म का फल कहलाता है और ईश्वर ऐसा कोई कर्म नहीं करता, जिसका फल उसे संसार में आकर जन्म लेना पड़े ।
                       श्री राम और श्री कृष्ण भगवान् हैं परन्तु वे परमात्मा नहीं हैं। भगवान् का अर्थ है जिसमें 6 विशेष गुण होते हैं। 1 ऐश्वर्य  2 यश  3 धर्म  4  श्री  5 ज्ञान  6  वैराग्य । श्री राम और श्री कृष्ण इन छहों गुणों से युक्त थे, अतः उनको भगवान् की उपाधि प्राप्त हुई। ईश्वर हमारे मन के अंदर आने वाले दुष्ट विचारों का भी दंड देता है ।अन्य मतावलम्बी ईश्वर को दयालु समझते हुए ऐसा मानते हैं कि वह उनके पाप क्षमा कर देता है ।परन्तु आर्य समाज के सिद्धांतों के अनुसार ईश्वर की दयालुता यह है कि सृष्टि की रचना सब जीवों के कल्याण के लिए की गई है। ईश्वर ने पंच तत्वों की रचना कर हम पर बहुत उपकार किया है और वो हमसे इन का कोई मूल्य नहीं लेता।
                       केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि वेद परमात्मा की वाणी है,इसके ज्ञान से हम पाखण्ड, अंधविश्वास व आडम्बर से बच सकते हैं। तिहाड़ जेल के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी सुनील गुप्ता ने आर्य समाज के आदर्शों को अपनाने पर बल दिया व मुख्य अतिथि विजयलक्ष्मी आर्या ने कार्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंसा की। उत्तर प्रदेश प्रान्तीय महामंत्री प्रवीन आर्य ने कहा कि सभी भ्रांतियां का निवारण वेदों से ही हो सकता है। गायिका बिंदु मदान, प्रवीना ठक्कर, दीप्ति सपरा, कुसुम भंडारी, वीरेन्द्र आहूजा, ईश्वरदेवी, जनक अरोड़ा, रवीन्द्र गुप्ता, नरेंद्र आर्य सुमन आदि ने मधुर भजन सुनाये। प्रमुख रूप से डॉ सुषमा आर्या, आनन्द प्रकाश आर्य(हापुड़), महेन्द्र भाई, सौरभ गुप्ता, मधु बेदी, उर्मिला आर्या(गुरुग्राम), प्रेम सचदेवा, राजेश मेंहदीरत्ता आदि उपस्थित थे।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox