किसान आन्दोलन विपक्षी पार्टियो द्वारा प्रायोजीत आन्दोलन, तीनो कृषि कानून किसानो के हित मे – चेयरमैन विरेन्द्र यादव

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 8, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

किसान आन्दोलन विपक्षी पार्टियो द्वारा प्रायोजीत आन्दोलन, तीनो कृषि कानून किसानो के हित मे – चेयरमैन विरेन्द्र यादव

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/गुरूग्राम/नई दिल्ली/प्रदीप यादव/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-भाजपा किसान मोर्चा गुरूग्राम के कार्यकताओं की बैठक भाजपा कार्यालय पर विरेन्द्र यादव चेयरमैन की अध्यक्षता में हुई ।जिसमें मुख्यवक्ता के रूप मे भाजपा जिला अध्यक्ष गार्गी कक्कड रही। बैठक मे भाजपा कार्यालय प्रमुख यादराम जोया, महामंत्री मनीष गाडोली, महेश यादव, किसान मोर्चा से मुकेश जेलदार जिला महामंत्री, कर्मचन्द यादव, राव रणधीर सिहं, सतपाल राघव, दिनेश यादव, सुरेन्द्र सहरावण, विनोद यादव, नवीन यादव, नरेश कटारिया, सरोज यादव, नरेश चोहान, रामकिशन शेरपुर, अजय यादव, डा.ललीत शर्मा, दिप चन्द फोजी, मनीष ढोरका, केवल नम्बरदार, संजय शर्मा, उदेश डोगरा आदि सैकडो कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।
जिला अध्यक्ष गार्गी ने कार्यकर्त्ताओं को बताया कि भाजपा विश्व की सबसे बड़ी राष्टीय पार्टी है । आप उस पार्टी के सदस्य हो यह अपने आप मे गर्व की बात है। हम सब भाजपा मे कार्यकर्त्ता है पद तो एक दायित्त्व है । हम सभी को एक साथ मिल कर संघठन को मजबूत करना है । भाजपा मे कार्यकर्त्ता पार्टी की रीढ़ की हड्डी के समान है। हम सभी का नाम भाजपा से जुडा हुआ है इस लिए अपने आचरण मे भी सुधार लाना चाहीए । कोई भी ऐसा काम ना करे जिससे आप पर उगंली उठे। भाजपा किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष विरेन्द्र यादव ने कार्यकताओं को तीनो कृषि कानूनो पर विस्तार से बताया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो तीन कृषि कानून बनाये है ये किसान भाईयो के हित मे है। कृषि के क्षेत्र मे सुधार लाना बहुत जरूरी था।
70 सालो के बाद किसान को अपनी फसल बेचने की आजादी मिली है। हर उस व्यक्ति को आजादी थी की वह अपने उत्पादन को अपनी मर्जी से अपने निशचित दाम पर ओर जहा मर्जी बेचे। परन्तु किसान अपनी उपज को मंडी से बहार बेचता था तो उस पर ओर खरीदार पर मंडी फिस की चोरी का केस बना देते थे। आज माननीय प्रधानमंत्री ने मंडी से बाहर मंडी फीस खत्म कर दी है । अब किसान अपने उत्पादनों को घर से, खेत से, गोदाम से देश के किसी भी कोने मे जहा चाहे वहा पर बेचे सकता है। उसे कोई नही रोक सकता। यह कानून बनने के बाद आज सैकडो किसान सडक किनारे अपनी ट्रक्टर ट्राली मे प्याज , टमाटर , बहुत सी सब्जी अपनी मर्जी के भाव बेच रहा है । उसे मंडी अधिकारियों और आढ़तियों से आजादी मिली हैं। अनुबंध खेती मे किसान अपनी फसल का किसी कम्पनी से एक साल या ज्यादा समय के लिए अनुबंध करता है । यदि किसी कारणवश किसान की फसल खराब हो जाती है तो किसान उस कम्पनी को जो उस ने एडवांस लिया है वही देन दार है और यदि कम्पनी अपनी शर्तो से मुकरती है तो कम्पनी को डेढ गुणा देना होगा । इसलिए इस कानून मे भी किसान का हित है। हमारे देश मे पहले खाद्यान की काफी कमी थी गेहू आस्ट्रेलिया ओर अन्य देशो से आयात किया जाता था । आज हमारे देश मे इतना उत्पादन हो रहा है कि उनको भंडारण करने के लिए सरकार के पास गोदाम नही है। लाखो टन अनाज बारिश मे भीग कर सड जाता है। भोजन के अधिकार के तहत एफ सी आई लाखो टन अनाज खरीदता है लेकिन गोदाम प्रयाप्त मात्रा मे नही है। वितरण से पहले काफी मात्रा मे अनाज भीग कर खराब हो जाता है। इसलिए इस कानून मे भंडारण की छुट दी गई है ।
इन तीनो कानूनो मे किसान को कोई नुकसान नहीं है । परन्तु विपक्षी दलो को सता के बगैर रहा नहीं जा रहा था । इसलिए किसानो के बीच यह झूठ फलाया गया कि इस से किसान की जमीन छिन ली जाएगी। अनाज तिजोरी में बंद हो जाएगा। मंडिया खत्म हो जाएगी। जबकि इस प्रकार का कोई प्रावधान नहीं है। किसान को छूट है वह अपनी फसल मंडी में या मंडी से बाहर कहीं पर भी बेचे। मनमोहन सरकार ने किसानो को एक फूटी कोडि नहीं दी। जबकि नरेन्द्र मोदी ने 6000 रूपये साल के सीधे किसान के खाते मे भेजे है। किसान क्रेडिट कार्ड, पशुधन कार्ड, फसल बिमा योजना, भावंतर भरपाई योजना, गेहूँ, सरसो, धान, बाजरा, नरमा
व दलहन आदि सभी फसले एम एस पी पर खरीदना यह भाजपा सरकार की देन है। आज बहुत सी विदेशी ताकते और विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता से घबराया हुआ है । इसलिए किसानो के कंधो पर बंदूक रख कर सता पाना चाहता है। परन्तु चन्द किसान संघठन जो विपक्ष के हाथो की कठपुतली बने हुए हैं । केवल वे ही इसका विरोध कर रहे हैं बाकी पूरे भारत का किसान इस कानून का समर्थन कर रहा है।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox