नई दिल्ली/- दिल्ली विश्वविधालय के मानव संसाधन डा. बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी विकास केंद्र यूजीसी के समागार में डा. ऋतु छिकारा द्वारा लिखित द्विभाषी पुस्तक, भारत प्रज्ञा बोध का विमोचन करते हुए डॉ.इन्द्रेश कुमार आरएसएस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के वरिष्ट सदस्य ने जोर दिया कि मुस्लिम आक्रांताओं ने भारत के विश्वप्रसिद्व विश्वविद्यालयों और पुस्तकालयों जैसे विक्रमशिला, नालन्दा, तक्षशिला आदि को नष्ट किया ताकि भारत की प्राचीन ज्ञान परम्परा और भारतीय संस्कृति को नष्ट किया जा सके। भारत की प्राचीन ज्ञान व्यवस्था पर विशेष तौर पर स्कूली छात्रों के लिये लिखी पुस्तक का विमोचन करते हुए इन्द्रेश कुमार ने सुझाव दिया कि इस प्रकार के समस्त लेख सामग्री को एकत्रित करके समय समय पर शिक्षा संस्थाओं और सहयोगी संगठनो द्वारा साहित्यीक मेले लगाने चाहिये ताकि ऐसा साहित्य स्कूल-कालेजों तक पहुच बना सके। बच्चों में भारतीय नोलेज सिस्टम की प्रारम्भ से ही जानकारी उन्हें राष्ट्र गौरव और राष्ट्र प्रेम के साथ-साथ भारतीय मूल्यों से भी परिचित करा सकती है। डॉ. इन्द्रेश कुमार मुख्य वक्ता के तौर पर विमोचन के बाद पुस्तक पर परिचर्चा में बोल रहे थे।
पुस्तक परिचर्चा में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए दिल्ली विश्वविधालय के डीन आफ कालेजिज प्रोफेसर बलराम पाणी ने कहा कि पुस्तक एनईपी-2020 के क्रियान्वय के लिये अत्यन्त उपयोगी है। उन्होने विधार्थियो के द्वारा इसे पढ़ने की सलाह दी। उन्होने भारतीय संतो और ऋषियो के प्राचीन शोध को पूर्णतया वैज्ञानिक करार देते हुए मानव कल्याण के प्रत्येक क्षेत्र में उसकी प्रशंसा की। वेद उपनिषद गीता, रामायण, आदि का इसी कारण दुनिया की सर्वाधिक भाषाओ में अनुवाद हुआ। भारतीय ग्रन्थ और भारतीय मनीषी हमें नैतिक मूल्यों और भारतीय मूल्यों की शिक्षा देते है जो कल्याणकारी उन्नतिशील समाज के विकास के लिये आवश्यक हैं। लेखिका डा. ऋतु छिकारा ने मेंटर के तौर पर पुस्तक लेखन में मदद करने के लिये प्रोफेसर गीता सिंह का आभार प्रकट किया। अपने अध्यक्षीय व्यक्तव्य में बोलते हुए निदेशक प्रो. गीता सिंह ने भारतीय प्रज्ञा की सार्वभौतिकता और विशालता को उजागर किया। पुस्त्क में दर्शन शास्त्र, इतिहास, अर्थनीति, नाट्यशास्त्र, सामाजिक शास्त्र के मनीषियांं के साथ-साथ स्टेटसमैन तक को शामिल करने की सभी ने प्रशंसा की। कार्यक्रम में 50 से अधिक स्कूलो के मालिकों निवेशको एंव प्रिसिपलों ने भाग लिया जिन में मुख्यतः संस्कार भारती पब्लिक स्कूल के श्री देवेन्द्र शर्मा, राधेकृष्णा स्कूल निदेशक श्री मदन शमा,र् रामा पब्लिक स्कूल वजीराबाद के श्री पंकज चौधरी, डेवलैपिंग इंडिपेंडेंट स्कूल एलाईंस के प्रजिडेन्ट श्री सत्यवीर सिंह मावी तथा अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के श्री लक्ष्य छाबरिया ने पुस्तक की उपयोगिता बताई। श्री विनोद सैनी और राजबीर सिंह परिहार ने कार्यक्रम का संचालन किया। शिक्षा मंत्रालय मे इंडियन नॉलेज सिस्टम के सलाहकार सदस्य डा0 सचिन वशिष्ट ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।


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