फटी जींस पहनकर बच्चों को क्या संस्कार देंगी महिलाए- सीएम तीरथ सिंह रावत

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फटी जींस पहनकर बच्चों को क्या संस्कार देंगी महिलाए- सीएम तीरथ सिंह रावत

फटी जींस पहनकर बच्चों को क्या संस्कार देंगी महिलाए- सीएम तीरथ सिंह रावत-महिलाओ की वेशभूषा को लेकर सीएम रावत का बयान बना चर्चा का विषय

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/उत्तराखंड/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का महिलाओं को लेकर दिया गया एक बयान चर्चा में है। उन्होंने बाल अधिकार पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत के दौरान कहा कि महिलाएं आज फटी जींस पहन रही हैं। ऐसे में बच्चों को क्या संस्कार देंगी।                          बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से बच्चों में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति, रोकथाम और पुनर्वास विषय पर आयोजित कार्यशाला में सीएम तीरथ ने कहा कि संस्कार ही बच्चों को नशे की बढ़ती प्रवृत्ति से बचा सकते हैं। दरअसल, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की एक कार्यशाला का मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने उद्घाटन किया. इसी दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों में कैसे संस्कार आते है। इसके लिए उन्होने कहा कि बच्चों में संस्कार अभिभावकों से ही आते है। जब महिलाऐं फटी जींस पहनेगी तो बच्चे कैसे संस्कारवान बनेंगे।                         यहां बता दें कि उत्तराखंड सीएम तीरथ सिंह रावत ने आगे कहा कि मैं एक दिन हवाई जहाज से जयपुर से आ रहा था। मेरे बगल में एक बहनजी बैठी थीं। मैंने उनकी तरफ देखा नीचे बूट थे। जब और ऊपर देखा तो जींस घुटने से फटी हुई थी। दो बच्चे उनके साथ में थे। महिला एनजीओ चलाती हैं। समाज के बीच में जाती हैं। क्या संस्कार दोगे? बता दें कि बीते 10 मार्च को ही तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए सीएम बने हैं। उसके बाद उनका कुंभ में श्रद्धालुओं पर रोक टोक न करने को लेकर लिया गया फैसला भी चर्चा में रहा।                        नई पीढ़ी में नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। बच्चों को नशा सहित तमाम विकृतियों से बचाने के लिए उन्हें संस्कारवान बनाना होगा। संस्कारित बच्चे जीवन के किसी भी क्षेत्र में असफल नहीं होते। उन्होंने कहा कि नशामुक्ति को लेकर जमीनी स्तर पर जागरुकता अभियान चलाए जाने चाहिए। बच्चे स्कूल से अधिक समय अपने घर पर बिताते हैं। लिहाजा बच्चों को संस्कारवान बनाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की है। उन्हें बच्चों की गतिविधियों पर बराबर नजर बनाने की जरूरत है, ताकि उन्हें गलत दिशा में जाने से रोका जा सके।

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