नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से एक भीषण आतंकी हमले की खबर सामने आई है, जिसमें कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई। यह हमला डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर किया गया, जब आतंकवादियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। इस हमले में कई महिलाएं और एक पुलिस अधिकारी भी घायल हो गए हैं।
निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर किया हमला
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना उस समय घटी जब एक पैसेंजर वैन, जो पाराचिनार से पेशावर जा रही थी, लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजर रही थी। आतंकवादियों ने पहले से घात लगाकर इस वैन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस हमले में 32 लोगों की मौत हो गई, और कई अन्य घायल हो गए, जिनमें महिलाएं और एक पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं।
पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के अनुसार, तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की और बताया कि घायलों को अस्पताल में इलाज दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
इस भयावह घटना पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और इस हमले को पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया। राष्ट्रपति ने आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता पर भी बल दिया।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) ने भी इस हमले की निंदा करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी किया। पार्टी ने इसे निर्दोष यात्रियों पर कायरतापूर्ण और अमानवीय हमला करार दिया और कहा कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। पीपीपी ने यह भी मांग की कि घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता दी जाए।
आतंकवाद और असुरक्षा का बढ़ता खतरा
यह हमला पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद और असुरक्षा के माहौल को एक बार फिर उजागर करता है। खैबर पख्तूनख्वा और अन्य इलाकों में आतंकवादी घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है, जो पाकिस्तान की सुरक्षा स्थिति को और भी चिंताजनक बनाती है।
देश में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीतियों को और सख्त करने की आवश्यकता है, ताकि निर्दोष नागरिकों को ऐसे हमलों का शिकार होने से बचाया जा सके।
यह हमला न केवल पाकिस्तान के सुरक्षा ढांचे के लिए एक चुनौती है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में बढ़ती असुरक्षा और आतंकवाद के खतरे को भी सामने लाता है।
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