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नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर को लेकर अहम शुरू हुई महामंथन बैठक में जम्मू-कश्मीर में चुनावी संकेत निकल कर सामने आये है। हालांकि केंद्र सरकार ने इस बैठक का कोई एजेंडा नही रखा था लेकिन फिर भी नेताओं को धारा 370 पर बात करने की उम्म्ीद थी जिस पर कोई बात नही हो पाई। यहां बता दें कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेता शामिल हुए थे। इस बीच जम्मू-कश्मीर और एलओसी पर 48 घंटे का अलर्ट जारी किया गया है। लेकिन जम्मू में बैठक के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं पूरे देश में इस बैठक पर राजनीतिक चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है और कहीं बैठक का स्वागत तो कहीं विरोध के स्वर सामने आ रहे है।
जम्मू-कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री आवास पर साढ़े तीन घंटे तक अहम बैठक जारी रही। बैठक में पहुंचे नेताओं का पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया। इसके साथ ही सभी नेताओं का फोटो सेशन भी हुआ। गौरतलब है कि इस बैठक में आठ दलों के 14 नेता शामिल हुए है जिसमें गुपकार के नेता भी हैं।
सर्वदलीय बैठक में फारूक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, रविन्द्र रैना, कवींद्र गुप्ता, सज्जाद लोन समेत कई नेता शामिल हुए।. बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर के अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी ने बताया कि बातचीत बड़े अच्छे माहौल में हुई। पीएम मोदी ने सभी नेताओं के मुद्दे सुने। उन्होंने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव को लेकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अल्ताफ बुखारी ने कहा कि परिसीमन खत्म करने को लेकर समयसीमा फिलहाल तय नहीं की गई। इसके अलावा चुनाव जल्द कराने पर भी चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हर किसी ने अपने दिल की बात कही। हालांकि बैठक में मौजूद नेताओं ने राज्य के बंटवारे पर अपनी नाराजगी जताई लेकिन इसके साथ विकास के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।
बैठक में पीएम के अलावा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, एनएसए अजित डोवाल, पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा, गृहसचिव अजय भल्ला के अलावा कुछ अन्य ऊंच अधिकारी बैठक में शामिल हुए। इस बैठक के साथ ही सूबे में डीलिमिटेशन की प्रक्रिया की आरंभ माना जाएगा। ये एक तरह से सूबे में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वाइड कंसल्टेशन का आरंभ। डीलिमिटेशन की प्रक्रिया थोड़ी लंबी हो सकती है। डीलिमिटेशन के बाद नया वोटर लिस्ट तैयार करने और उसमें करेक्शन के बाद ही जम्मू कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया आरंभ हो सकता है। जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया शुरू होने में अभी भी सालभर का समय लग सकता है। देश के कानून और भारत सरकार द्वारा तयशुदा मानकों के अंतर्गत ही डीलिमिटेशन होगा।
उन्होंने अनुच्छेद 370 के सवाल पर कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उस पर क्या बात होती। दुख तो हुआ इसकी शिकायत जरूर लोगों ने की लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी। जिसपर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बैठक में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 को रद्द होने से नाराज है। हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे। इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे। इस पर कोई समझौता नहीं होगा। महबूबा ने प्रधानमंत्री से कहा कि अगर आपको धारा 370 को हटाना था तो आपको जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को बुलाकर इसे हटाना चाहिए था। इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई हक नहीं था। हम धारा 370 को संवैधानिक और कानूनी तरीके से बहाल करना चाहते हैं।
गुलाम नबी आजाद ने पांच मांगें रखी सरकार के सामने
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बैठक में हमने कांग्रेस की तरफ से सरकार के सामने 5 बड़ी मांगे सरकार के सामने रखी। पहली मांग थी कि राज्य का दर्जा जल्दी बहाल करे सरकार। उन्होंने कहा कि हमने बैठक में कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने की बात भी बोली। केंद्र सरकार जल्द से जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाएं। बैठक में अधिकतर पार्टियों ने कहा कि 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री ने कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नेताओं ने पूर्ण राज्य की मांग की है।
अनुच्छेद 370 को खत्म करने का फैसला हमें स्वीकार नहीं- उमर अब्दुल्ला
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बैठक में कहा कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के द्वारा अनुच्छेद 370 को खत्म करने के फैसले को हम स्वीकार नहीं करेंगे। हम अदालत के जरिए अनुच्छेद 370 के मामले पर अपनी लड़ाई लडेंगे। लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से राज्य का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि हमने पीएम से अनुरोध किया कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी लेकिन कुछ फैसलों को पलटने की जरूरत है जो जम्मू-कश्मीर के हित में बिल्कुल भी नहीं हैं। इसे यूटी का दर्जा दिया गया था, लोगों को यह पसंद नहीं है। वे जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा चाहते हैं, जम्मू-कश्मीर कैडर की बहाली चाहते हैं।
बैठक शानदार रही- पीडीपी नेता मुजफ्फर हुसैन बेग
पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) के नेता मुजफ्फर हुसैन बेग ने कहा कि बैठक बहुत शानदार हुई। उन्होंने कहा कि 370 का मामला सु्प्रीम कोर्ट में है और अदालत ही 370 के मामले पर फैसला करेगी। मैंने धारा 370 कि कोई मांग नहीं रखी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि 370 खत्म करने का फैसला जम्मू-कश्मीर विधानसभा के द्वारा होता तो और अच्छा होता। जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाने की मांग सभी दलों ने की। पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने पर सीधे कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि पहले परिसीमन हो।
पीएम मोदी ने राज्य के उज्ज्वल भविष्य की कामना की- रविंदर रैना
वहीं भाजपा नेता रविंदर रैना ने कहा कि पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं को विश्वास दिलाया है कि जम्मू-कश्मीर के उज्ज्वल भविष्य के लिए सभी मिलकर कार्य करेंगे। जम्मू-कश्मीर की मजबूती और जनता की भलाई के लिए हर कार्य किया जाएगा जिससे लोगों का भला हो।
अनुच्छेद 370 को वापस लाने की बात न सोचें- कविंदर गुप्ता
पीएम द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद भाजपा नेता कविंदर गुप्ता ने कहा कि अनुच्छेद 370 जो हट गया है वो वापस आए जाए ऐसा सोचना भी नहीं चाहिए।
सभी दलों ने जम्मू-कश्मीर में शांति की बात की- निर्मल सिंह
भाजपा नेता निर्मल सिंह ने कहा कि लगभग सभी राजनीतिक दल इस बात पर सहमत हुए कि जम्मू-कश्मीर में शांति होनी चाहिए और वहां लोकतांत्रिक तरीके से सरकार आनी चाहिए। पीएम ने सभी नेताओं से अपील की कि शांति तभी होगी जब सभी मिलकर काम करेंगे।
पीएम ने सभी नेताओं को सुनारू कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर
कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि यह एक अच्छी बैठक थी और एक अच्छी पहल थी। प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं को सुना। पीएम ने कहा कि आइए आगे बढ़ें।
पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में सभी जगह विकास पहुंचने की बात की- जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी जगह विकास पहुंचे इसके लिए साझेदारी हो। विधानसभा चुनाव के लिए डिलिमिटेशन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना होगा ताकि हर क्षेत्र प्राप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व विधानसभा में प्राप्त हो सकें।
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