गांधी परिवार के बिना तीसरे मोर्चे की कवायद फिर तेज, सिब्बल व चौटाला टटोल रहे मन

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गांधी परिवार के बिना तीसरे मोर्चे की कवायद फिर तेज, सिब्बल व चौटाला टटोल रहे मन

-कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के जन्मदिन पर जुटा विपक्ष, चौटाला कर रहे दिग्गजों से मुलाकात

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में आने से रोकने के लिए एक बार फिर तीसरे मोर्चे की कवायद तेज हो गई है। हालांकि इस बार इस बवायद को गांधी परिवार के बिना ही शुरू किया गया है। इसमें कांग्रेस नेता कपिल सिब्ब्ल व औमप्रकाश चौटाला विपक्षी नेताओं का मन टटोलने में लगे है। लेकिन अभी भी बड़ा सवाल यह है कि क्या तीसरा मोर्चा भी दो गुटों में बनेगा या फिर सभी विपक्षी दल एक बैनर के नीचे काम करेंगे। कपिल सिब्बल ने अपने जन्मदिन पर विपक्षी नेताओं को बुलाया जहां तीसरे मोर्चे पर चर्चा हुई। वहीं चौटाला भी दिग्गजों से मुलाकात कर उनका मन टटोल रहे है और अगर जरा सी भी संभावना बनी तो ताऊ देवीलाल के जन्मदिन पर इसकी घोषणा हो सकती है।
                    पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले तीसरे मोर्चे के गठन की कोशिश एक बार फिर तेज हो गई हैं। इंडियन नेशनल लोकदल के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला ने पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है। इन मुलाकातों को तीसरे मोर्चे की गठन की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है। ओम प्रकाश चौटाला तीसरे मोर्चे के गठन की पैरवी कर चुके हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस माह की शुरुआत में गुरुग्राम जाकर चौटाला से मुलाकात की थी। इसके बाद समाजवादी पार्टी के नेताओं की मुलाकात का सिलसिला तेज हो गया है। राजद सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव भी मुलायम सिंह यादव और शरद यादव से मिले हैं।
                   चौटाला ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा और मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की है। इनलो के एक नेता के मुताबिक, मुलाकात के दौरान किसान आंदोलन के साथ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई है। देश में राजनीतिक विकल्प देने पर भी चर्चा हुई। उनके मुताबिक, दोनों नेताओं ने तीसरे मोर्चे के गठन में हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।
                   इनलो प्रमुख पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी जल्द मुलाकात कर सकते हैं। दरअसल, चौटाला इन नेताओं को 25 सितंबर को स्वर्गीय ताऊ देवीलाल के जन्मदिन पर होने वाले सम्मान समारोह में आमंत्रित कर रहे हैं। इनलो का कहना है कि ताऊ के जन्मदिन से पहले चौटाला सभी विपक्षी पार्टियों से संपर्क कर उन्हें न्योता देंगे।
                   कार्यक्रम में आमंत्रित करने के साथ विपक्षी नेताओं का तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर मन भी टटोलेंगे। विपक्षी पार्टियों के बीच तीसरे मोर्चे को लेकर सहमति बनती है, तो भाजपा सरकार को शिकस्त देने के लिए ताऊ के जन्मदिन पर होने वाले कार्यक्रम में सभी विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में तीसरे मोर्चे के गठन का ऐलान किया जा सकता है।
                         वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी विपक्षी नेताओं को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया है। उन्होंने यह दावत अपने जन्मदिन के उपलक्ष्य में रखी थी। पर इस रात्रिभोज को विपक्षी एकता से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि इसमें कई नेता शामिल हुए है। कपिल सिब्बल की दावत पर उनके घर पहुंचने वालों में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, राजद सुप्रीमो लालू यादव, रालोद नेता जयंत चौधरी, टीएमसी डेरेक ओ ब्रायन और डीएमके के साथ कांग्रेस के भी कई नेता शामिल हुए। कांग्रेस की तरफ से शशि थरूर और आनंद शर्मा डिनर में पहुंचे। यह दोनों नेता कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओ में शामिल रहे है।
                     दरअसल, कपिल सिब्बल कई मौके विपक्षी एकता की वकालत कर चुके है। हाल ही में उन्होंने कहा था कि विपक्ष के उन दलों को भी साथ आना चाहिए, जिन्होंने कई कारणों से दूरी बना ली है। उन्होंने कहा था कि वह इन दलों को साथ लाने की कोशिश करेंगे। इसमें वैसे तो सरकार को घेरने और 2024 के चुनाव में भाजपा के खिलाफ एकजुट होने का मुद्दा छाया रहा, लेकिन खास बात ये रही कि इसमें गांधी परिवार से कोई नहीं था।
                      ये दावत ऐसे समय दी गई है जब राहुल गांधी श्रीनगर के दौरे पर हैं और प्रियंका विदेश में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दावत में एक बार फिर कांग्रेस में बदलाव का मुद्दा उठा। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस का कायाकल्प तभी संभव है जब गांधी परिवार लीडरशिप छोड़ दे। अकाली दल के नरेश गुजराल ने तो सीधा हमला बोलते हुए कहा कि गांधी परिवार के ’चंगुल’ से बाहर निकले बिना कांग्रेस का मजबूत होना मुश्किल है।
                    ये दावत इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव करने की जरूरत बताई थी। सिब्बल की दावत में पी चिदंबरम, शशि थरूर और आनंद शर्मा भी शामिल थे। ये तीनों नेता भी कांग्रेस के भविष्य को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
                     सिब्बल की दावत में दूसरे विपक्षी दलों से राजद चीफ लालू प्रसाद यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना सांसद संजय राउत, एनसीपी के चीफ शरद पवार, तृणमूल के डेरेक ओ’ब्रायन, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, डीएमके के त्रिरुचि शिवा, आरएलडी के जयंत चौधरी शामिल थे। वहीं नवीन पटनायक के बीजू जनता दल से पिनाकी मिश्रा भी इसमें पहुंचे थे। टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता भी सिब्बल की दावत में शामिल हुए। सिब्बल ने पहली बार अकाली दल को भी न्योता दिया था। अकाली दल से नरेश गुजराल दावत में पहुंचे। बता दें कृषि कानूनों के मुद्दे पर अकाली दल पिछले साल एनडीए से अलग हो गया था। विपक्षी नेताओं को दी गई दावत में सिब्बल ने सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार में सभी संस्थान बर्बाद कर दिए गए। उन्होंने सभी विपक्षी दलों को क्लियर फोकस के साथ काम करने की जरूरत पर भी जोर दिया।

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