
नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट संसद में पेश हो गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना सातवां बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने बिहार के साथ-साथ आंध्रप्रदेश के लिए भंडार खोल दिया। खास बात ये है कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा तो नहीं मिला लेकिन बजट में कई ऐसी घोषणाएं की गई, जिससे बिहार बम-बम है।

बिहार को विशेष आर्थिक सहायता के पैकेज के अतिरिक्त 58 हजार करोड़ रुपये से अधिक के फंड विभिन्न मदों में दिए जाएंगे। बिहार में सड़कों का जाल बिछाए जाने की बड़ी घोषणा की गई है। बिहार में तीन एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा। इसके लिए 26 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे की घोषणा की गई है। इसके साथ ही बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा-एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा।
पावर प्लांट के साथ पुल और स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस
बिहार में गंगा नदी पर दो नये पुल बनेंगे। बक्सर में गंगा नदी पर दो लाइन के पुल का निर्माण होगा। इसके साथ ही अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर के लिए गया में हेड ऑफिस बनेगा। पीरपैंती में 2400 मेगावाट की क्षमता का पावर प्लांट का निर्माण 21400 करोड़ की लागत से होगा। वहीं, बिहार सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए 11,500 करोड़ की घोषणा की गई है। नालंदा यूनिवर्सिटी के विकास पर भी खर्च किया जाएगा। इसके साथ ही खेल संबंधी बुनियादी ढांचा भी स्थापित करेगी।

कैपिटल निवेश के लिए बिहार को मदद
बिहार में नये एयरपोर्ट के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज भी बनाया जाएगा। कैपिटल निवेश के लिए भी बिहार को मदद दी जाएगी। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर गया के विष्णुपद मंदिर और बोधगया के महाबोधि कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। राजगीर में सप्तऋषि कॉरिडोर बनाया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि बिहार में बाढ़ की समस्या के निजात के लिए पानी के लिए भारत सरकार नेपाल के साथ मिलकर काम करेगी। राज्य में बाढ़ नियंत्रण के लिए इस बजट में 11500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कोसी इंट्रा स्टेट बैंक और 20 अन्य परियोजनाएं के लिए खर्च होंगे। कोसी नदी से बाढ़ का सर्वे कराएंगे।
सरकार शुरू करेगी पूर्वोदय योजना
केंद्र सरकार बिहार, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए ‘पूर्वोदय’ योजना भी लाएगी। मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार पूर्वी क्षेत्र में विकास के लिए औद्योगिक गलियारे का समर्थन करेगी। इसके तहत मानव संसाधन विकास, बुनियादी विकास पर ध्यान दिया जाएगा। इस योजना में बिहार के लिए कई सौगात हैं। अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के तहत गया में औद्योगिक केंद्र बनाया जाएगा। सांस्कृतिक केंद्रों को आधुनिक आर्थिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इस मॉडल को विकास भी विरासत भी का नाम दिया जाएगा।
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