• DENTOTO
  • ओबीसी आरक्षण पर राजनीति तेज, सरकार के साथ आया विपक्ष

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    May 2025
    M T W T F S S
     1234
    567891011
    12131415161718
    19202122232425
    262728293031  
    May 21, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    ओबीसी आरक्षण पर राजनीति तेज, सरकार के साथ आया विपक्ष

    - संविधान संशोधन विधेयक का करेगा समर्थन

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- हंगामे और शोर-शराबे के बीच चल रहे संसद के मॉनसून सत्र का आखिरी हफ्ता शुरू हो गया है। इस दौरान मोदी सरकार अहम बिल पास करवाने की कोशिश कर रही है और इनमें सबसे ऊपर ओबीसी आरक्षण से जुड़ा संविधान संशोधन विधेयक है। केंद्र सरकार इस विधेयक को सोमवार को लोकसभा में पेश करेगी लेकिन विपक्षी पार्टी सरकार की इस चाल को भांप गई है जिसे देखते हुए अब विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी ऐलान किया है कि वह इस बिल के समर्थन में है। अगर बिल पास हो जाता है तो एक बार फिर से राज्यों को ओबीसी सूची में किसी जाति को अधिसूचित करने का अधिकार मिल जाएगा।
                        राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को बताया कि सभी विपक्षी पार्टियां 127वें संविधान संशोधन विधेयक का समर्थन करने को तैयार है। उन्होंने संसद भवन में आज हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद यह जानकारी दी। खड़गे ने बताया कि इस बैठक में विपक्षी पार्टियों ने सरकार के साथ सहयोग करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ’यह संशोधन राज्यों के उस अधिकार को बहाल करने के लिए किया जा रहा है जिससे वे सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदायों को अधिसूचित कर सकें।’ उन्होंने आगे कहा, ’इस देश में आधी से ज्यादा आबादी पिछड़े समुदाय से है। बिल पेश किया जाएगा, इस पर चर्चा होगी और उसी दिन यह पास कर दिया जाएगा।’
                         बता दें सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 5 मई को दिए अपने फैसले में कहा था कि ओबीसी सूची तैयार करने का अधिकार सिर्फ केंद्र के पास है। संसद में संविधान के अनुच्छेद 342-ए और 366(26) सी के संशोधन पर अगर मुहर लग जाती है तो इसके बाद राज्यों के पास ओबीसी सूची में अपनी मर्जी से जातियों को अधिसूचित करने का अधिकार होगा। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय, हरियाणा में जाट समुदाय, गुजरात में पटेल समुदाय और कर्नाटक में लिंगायत समुदाय को ओबीसी वर्ग में शामिल होने का मौका मिल सकता है। लंबे समय से ये जातियां आरक्षण की मांग कर रही हैं। इनमें से मराठा समुदाय को महाराष्ट्र देवेंद्र फडणवीस सरकार ने आरक्षण दिया भी था लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को दिए फैसले में इसे खारिज कर दिया था।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox