
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/बीजिंग/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पूरा देश सीडीएस बिपिन रावत व अन्य सैन्य अधिकारियों की मौत पर शौक में डूबा है लेकिन वहीं पड़ोसी चीन ने हेलिकॉप्टर क्रैश पर भारतीय सेना का मजाक उड़ाते हुए तंज कसा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना में हुई सीडीएस बिपिन रावत की मौत को भारतीय सेना में अनुशासन की कमी का दर्शाता है। चीनी सरकार के मुखपत्र अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि इस घटना ने भारत के युद्ध की तैयारियों की कमी को उजागर कर दिया है। इसके साथ ही देश के सैन्य आधुनिकीकरण को भी भारी झटका दिया है जो लंबे वक्त तक बना रह सकता है। वहीं इस बेहद दुःखद हादसे की तुलना कई विशेषज्ञ और सोशल मीडिया यूजर्स ताइवान के चीफ ऑफ शेन यी मिंग की मौत के हादसे से कर रहे है। शेन यी मिंग का ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर ताइपेई के नजदीक पहाड़ी इलाके में गिर गया था। हालांकि पकिस्तान के सैन्य अधिकारी व जनरल बाजवा ने सीडीएस बिपिन रावत के निधन पर दुःख व शोक जताया है।
ग्लोबल टाइम्स ने एनालिस्ट्स के हवाले से कहा है कि चीन के विरोध में रहने वाले भारत के सबसे बड़े सैन्य अधिकारी के चले जाने के बाद भी बॉर्डर पर दोनों देशों के आक्रामक रुख में बदलाव की कोई संभावना नहीं है। चीन ने कहा है कि रावत की मौत शायद भारतीय सेना की आधुनिकीकरण योजना को अस्त-व्यस्त कर सकती है।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत को एक ढीली और अनुशासनहीन मिलिट्री कल्चर के लिए जाना जाता है और भारतीय सैनिक अधिकतर स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर और नियमों का पालन नहीं करते हैं। कहा गया है कि 2019 में भारत के विमानवाहक पोत में आग और 2013 में एक भारतीय पनडुब्बी में विस्फोट सहित कई पिछली दुर्घटनाओं से यह समझा जा सकता है।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि इस हेलिकॉप्टर क्रैश से बचा जा सकता था। मौसम में सुधार होने तक उड़ान को रोका जा सकता था। पायलट को और अधिक सतर्कता से उड़ान भरनी थी, हेलिकॉप्टर की बेहतर तरीके से देखभाल करनी थी। अखबार ने कहा है कि चीन-भारत सीमा क्षेत्रों में तैनात भारतीय सैनिकों सहित पूरी भारतीय सेना के लिए एक सामान्य समस्या है।
खबरों के मुताबिक जनरल मिंग का यह हेलिकॉप्टर उड़ान भरने के 15 मिनट बाद ही रेडॉर से गायब हो गया था। बचाव दल के सदस्यों ने कहा था कि पहाड़ों पर पिछले कई दिनों से बारिश हो रही थी और इलाके में मौसम खराब था। भारत के रक्षा मामलों के विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने जनरल रावत के हेलिकॉप्टर हादसे की तुलना ताइवान के सेना प्रमुख से की। चेलानी ने कहा कि एक ऐसे समय पर जब चीन के साथ 20 महीने लंबे सीमा तनाव के चलते हिमालयी फ्रंट पर युद्ध जैसी स्थिति पैदा हो गई है, भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में दुखद मौत का इससे बुरा समय नहीं हो सकता था।
चेलानी ने लिखा, ’जनरल रावत की मौत 2020 की शुरुआत में हुई एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना के समान है, जिसमें ताइवान के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ जनरल की मौत हो गई थी। इसमें शेन यी-मिंग और दो प्रमुख जनरलों सहित सात अन्य शामिल थे। हर हेलिकॉप्टर क्रैश में चीन की आक्रामकता के खिलाफ डिफेंस के एक प्रमुख व्यक्ति की मौत हो जाती है।’ उन्होंने कहा कि इस अजीब समानता का मतलब यह नहीं है कि दोनों हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं में कोई संबंध था या इसमें कोई बाहरी हाथ था। कुछ भी हो, प्रत्येक दुर्घटना ने महत्वपूर्ण आंतरिक प्रश्न उठाए हैं, विशेष रूप से शीर्ष जनरलों को ले जाने वाले सैन्य हेलिकॉप्टर के रखरखाव को लेकर।’ फिलहाल जनरल रावत के विमान हादसे के कारणों का पता नहीं चल पाया है और यह जांच का विषय है।
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