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    June 22, 2025

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    हादसे के बाद जागी सरकार, अब मुंबई की लोकल ट्रेन में लगेंगे ऑटोमेटिक दरवाजे

    -पहले के हादसों से सरकार ने नही लिया सबक, बंद होने के बाद चलेगी ट्रेन

    नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- मुंबई की लोकल ट्रेन उसकी लाइफलाइन मानी जाती है। लेकिन लोकल ट्रेनों में लापरवाही से होने वाले हादसों पर कभी सरकार और रेलवे ने ध्यान ही नही दिया वरना ये हादसे बार-बार नही होते। हाल ही में मुंबई में चलती ट्रेन से यात्रियों के गिरने के हादसे के बाद रेलवे व सरकार जागी है। रेलवे ने अब तय किया है कि लोकल ट्रेनों के सभी नॉन एसी डिब्बों में भी ऑटोमेटिक दरवाजे लगवाएं जाएंगे ताकि इस तरह का हादसा फिर घटित न हो। हालांकि सरकार का ये निर्णय स्वागत योग्य लेकिन अगर यही निर्णय पहले लिया गया होता तो ये हादसा नही होता।

    रेलवे बोर्ड के सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में घटी भयावह घटना के बाद मंत्रालय ने मुंबई उपनगरीय क्षेत्र के लिए निर्माणाधीन सभी लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजों की सुविधा देने का फैसला किया है।

    दिलीप कुमार ने कहा, मुंबई हादसे के मद्देनजर रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री की टीम के साथ एक विस्तृत बैठक की और नॉन-एसी लोकल ट्रेनों में स्वचालित दरवाजों से जुड़ी सबसे बड़ी समस्या हवा की कमी और दम घुटने की आशंका को देखते हुए तय किया कि नए नॉन-एसी कोच ऐसे बनाए जाएं जिससे वेंटिलेशन का समाधान हो सके। हांलाकि लोकन के लिए 238 एसी ट्रेनों को भी तैयार किया जा रहा है।

    भविष्य में बनेंगे ऐसे दरवाजे
    -सेंट्रल व वेस्टर्न रेलवे में करीबन 80 लाख यात्रि करते हैं लोकल इस्तेमाल।
    -कुल करीबन 279 ट्रेन, में हैं 3405 कोच।
    -हर एक कोच में चार दरवाजे लगेंगे।
    -दरवाजों में लूवर्स (हवादार पट्टियां) लगेंगी ताकि बंद दरवाजों में भी हवा आती रहे।
    -कोच की छत पर वेंटिलेशन यूनिट्स लगेंगी, जो बाहर से ताजी हवा अंदर पहुंचाएंगी।
    -कोचों में वेस्टीब्यूल्स होंगे, ताकि यात्री एक कोच से दूसरे कोच में जा सकें और भीड़ का संतुलन स्वाभाविक रूप से बन सके।
    -नई डिज़ाइन वाली पहली ट्रेन नवम्बर 2025 तक तैयार हो जाएगी।
    -ट्रायल के बाद जनवरी 2026 तक सेवा में लाया जाएगा।

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