हरियाणा विधानसभा चुनावों में बीजेपी का बड़ा कदम

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
30  
September 9, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

हरियाणा विधानसभा चुनावों में बीजेपी का बड़ा कदम

-मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लाडवा सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय

हरियाणा/नई दिल्ली/अनीशा चौहान/-  हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को करनाल की बजाय लाडवा सीट से चुनाव लड़ने का बड़ा फैसला किया गया है। इस रणनीतिक बदलाव ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।

सैनी की नई सीट और पार्टी की रणनीति

बीजेपी ने बुधवार को 67 उम्मीदवारों की सूची जारी की, जिसमें करनाल से जगमोहन आनंद को टिकट दिया गया है, जबकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लाडवा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है। सैनी ने मार्च 2024 में करनाल से उपचुनाव लड़ा था और कांग्रेस के सरदार तरलोचन सिंह को 41,483 वोटों के अंतर से हराया था। अब, सैनी लाडवा से चुनाव लड़ेंगे, जो उनके लिए नया नहीं है, क्योंकि वे मुख्यमंत्री बनने से पहले कुरुक्षेत्र से सांसद थे और लाडवा भी इसी संसदीय क्षेत्र में आता है।

बीजेपी की टिकट सूची में अन्य महत्वपूर्ण बदलाव

बीजेपी की पहली सूची में कुल 67 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए गए हैं। इसमें आठ मौजूदा मंत्रियों, नौ विधायकों, और पांच पूर्व मंत्रियों को टिकट दिया गया है। वहीं, तीन मंत्रियों, पांच विधायकों और चार पूर्व मंत्रियों के टिकट काटे गए हैं। जिन मंत्रियों के टिकट काटे गए हैं, उनमें रणजीत सिंह चौटाला का नाम भी शामिल है।

सैनी की सीट बदलने की वजहें

नायब सिंह सैनी की करनाल सीट बदलने की कई वजहें बताई जा रही हैं। सैनी की जाटलैंड में मजबूत पकड़ है और वे ओबीसी समुदाय के नेता हैं। करनाल में सैनी ने खुद को साबित किया था, लेकिन पार्टी ने उन्हें लाडवा सीट पर उतारने का निर्णय लिया है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि वे इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगे, और अब सैनी लाडवा से चुनावी मुकाबला करेंगे।

सैनी की राजनीतिक यात्रा और नई चुनौतियां

सैनी की राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण मोड़ आए हैं। 2014 में उन्होंने अंबाला की नारायणगढ़ सीट से जीत हासिल की थी। 2019 में वे कुरुक्षेत्र से लोकसभा में आए और 2024 में करनाल से विधानसभा उपचुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बने। अब, वे लाडवा से चुनाव लड़ेंगे, जो उनके लिए एक नई चुनौती होगी।

लाडवा सीट का चुनावी इतिहास और जमीनी समीकरण

लाडवा सीट पर पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस, बीजेपी, और इंडियन नेशनल लोक दल ने एक-एक बार जीत दर्ज की है। 2019 में कांग्रेस की मेवा सिंह ने जीत हासिल की थी, जबकि 2014 में बीजेपी के डॉ. पवन सैनी और 2009 में इंडियन नेशनल लोक दल के शेर सिंह बरशामी ने जीत दर्ज की थी। लाडवा सीट पर सैनी समाज के वोटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है और बीजेपी को उम्मीद है कि सैनी के मैदान में आने से सैनी समाज का समर्थन पार्टी की ओर झुकेगा।

बीजेपी की रणनीति और सैनी की भूमिका

बीजेपी ने लाडवा में सैनी को उम्मीदवार बनाकर एक महत्वपूर्ण रणनीतिक कदम उठाया है। पार्टी को उम्मीद है कि सैनी की उपस्थिति से पार्टी में एकजुटता आएगी और सैनी समाज का समर्थन मिलेगा। सैनी को अब न केवल खुद को जीतना होगा, बल्कि बीजेपी की जीत की हैट्रिक को भी सुनिश्चित करना होगा। लाडवा सीट पर चुनावी मुकाबला कठिन हो सकता है, लेकिन सैनी की उपस्थिति से पार्टी को निश्चित रूप से लाभ हो सकता है। इस बदलाव से बीजेपी की चुनावी रणनीति में एक नया मोड़ आया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सैनी अपनी नई सीट पर कितना प्रभावी साबित होते हैं और पार्टी की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox