
नई दिल्ली/अनीशा चौहान/ – हमास चीफ इस्माइल हनिया की मौत दुनियाभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस हत्या की चर्चा इसलिए भी अधिक हो रही है क्योंकि हनिया को ईरान के अंदर मौत के घाट उतारा गया है। इस घटना ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है, और विभिन्न देशों में इसके राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभावों पर चर्चा हो रही है।
ईरान की प्रतिक्रिया
ईरान इस हत्या से बेहद नाराज है और उसने सीधे तौर पर इजरायल को इस हत्या का दोषी ठहराया है। ईरान ने इस घटना को अपनी संप्रभुता पर हमला बताते हुए कड़ी निंदा की है। ईरान के उच्च अधिकारी इस मामले की जांच और दोषियों को सजा दिलाने की बात कर रहे हैं। ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी इस मुद्दे पर समर्थन की अपील की है।
इजरायल की चुप्पी
अपने सबसे बड़े दुश्मन की हत्या हो जाने के बाद भी इजरायल इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। इजरायल की ओर से अब तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह चुप्पी और आरोपों का सामना करते हुए इजरायल की सरकार की रणनीति पर सवाल खड़े कर रही है। इजरायल का इस तरह का रवैया इस मुद्दे को और भी पेचीदा बना रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव
इस्माइल हनिया की हत्या ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है। यह घटना अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में भी हलचल मचा रही है। विभिन्न देशों के राजनयिक और विशेषज्ञ इस मुद्दे पर नजर रखे हुए हैं और इसके दूरगामी प्रभावों का आकलन कर रहे हैं। इस हत्या से हमास और इजरायल के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों में और भी खटास आ सकती है।
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