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    सिम कार्ड स्वैपिंग के जरिए होने वाली धोखाधड़ी से रहे सावधान- एसपी वसीम अकरम

    -झज्जर पुलिस द्वारा चलाया जा रहा साइबर क्राइम के प्रति जागरूकता अभियान लगातार जारी

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/झज्जर/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- सिम कार्ड स्वैपिंग के जरिए होने वाले फर्जीवाड़ा से सजग करते हुए झज्जर पुलिस द्वारा आमजन से सावधान रहने का आह्वान किया गया है। झज्जर पुलिस द्वारा आम लोगों को साइबर क्राइम से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए चलाया जा रहा विशेष जागरूकता पाठशाला का अभियान लगातार जारी है। पुलिस अधीक्षक झज्जर श्री वसीम अकरम के दिशा निर्देश अनुसार चलाए जा रहे विशेष जागरूकता अभियान के तहत आमजन को साइबर अपराध/ठगी से बचाव के संबंध में सजग करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण सुझाव/टिप्स भी दिए जा रहे हैं। साइबर जागरूकता पाठशाला के तहत झज्जर पुलिस द्वारा आम लोगों को साइबर ठगी के तौर तरीकों की जानकारी देते हुए उनसे बचने व सावधान रहने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। एसपी श्री वसीम अकरम ने बताया कि साइबर अपराधी ठगी करने की नियत से अलग-अलग तरह के तरीके अपनाते रहते हैं। साइबर अपराधी द्वारा किसी व्यक्ति को झांसा देते हुए पैसा प्राप्त करने के लिए अलग-अलग तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं।

    सिम कार्ड स्वैपिंग फर्जीवाड़ा, यह एक प्रकार से व्यक्ति की पहचान की चोरी (प्कमदजपजल जीमजि) है। जहां साइबर अपराधी टेलीकॉम सेवा प्रदाता के माध्यम से आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर के लिए जारी किए गए पुराने सिम कार्ड की जगह नए सिम कार्ड को प्राप्त कर लेते हैं। नए सिम कार्ड की मदद से साइबर अपराधी पीड़ित के बैंक खाते से वित्तीय लेनदेन के लिए आवश्यक ओ.टी.पी. और अन्य गोपनीय जानकारी प्राप्त कर लेते हैं। साइबर अपराधी किसी खुदरा विक्रेता से एक खाली सिम कार्ड प्राप्त कर लेता है (जो उसी गिरोह के सदस्य भी होते हैं)। साइबर अपराधी अब कस्टमर केयर अधिकारी बनकर पीड़ित को कॉल करते हैं तथा अपने सिम को 4जी में बदलने के लिए कहते हैं अन्यथा सिम बंद हो जाने की बात बताते हैं। सिम स्वैप करने हेतु वे एक सिम नंबर पीडित को देते हैं और उन्हें यह नंबर कस्टमर केयर अधिकारी को अग्रेषित/फॉरवर्ड करने के लिए कहते हैं। पीडित व्यक्ति उसे वास्तविक समझ अपने मोबाइल से सिम नंबर को कस्टमर केयर अधिकारी को अग्रेषित / फॉरवर्ड कर देता है। अब साइबर अपराधी पीड़ित के मोबाइल नंबर से पंजीकृत सभी बैंक खातो तक अपनी पहुच बना लेता है तथा पैसों की अवैध निकासी कर लेता है। मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनी पीड़ित के पुराने सिम को बंद कर उसी नंबर से नया सिम साइबर अपराधी को जारी कर देता है। सिम कार्ड स्वैपिंग धोखाधड़ी से बचने के लिए यह जरूरी है कि कोई भी व्यक्ति किसी अनजान फोन कॉल पर कभी भी अपने खाते और सिम से सम्बंधित कोई भी जानकारी किसी से साझा ना करें। सिम के पीछे वर्णित सिम संख्या बहुत महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारी होती है। यदि आपका मोबाइल नंबर कुछ घंटों के लिए निष्क्रिय व नेटवर्क क्षेत्र से बाहर हो जाता है, तो तुरंत इस संदर्भ में अपने मोबाइल ऑपरेटर से पूछताछ करें। अपने बैंकिंग लेनदेन के लिए नियमित एस.एम.एस के साथ-साथ ई-मेल अलर्ट के लिए रजिस्टर करें। इस तरह, सिम स्वैप होने के पश्चात बैंक से अवैध निकासी होने पर आपको इसकी जानकारी ई-मेल के माध्यम से मिल सकती है, जिसे आप रोक सकते हैं। फर्जी व नकली वेबसाइटों से सतर्क रहें और किसी भी कारण से संदिग्ध होने पर अनजान कॉल/संदेश/ईमेल आदि का जवाब ना दें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा ना करें। उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम/ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए कुछ सावधानियां रखनी अति आवश्यक हैं। साइबर क्राइम अथवा किसी भी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक उपयोगकर्ता इंटरनेट का इस्तेमाल करते सतर्क रहे।

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