
नई दिल्ली/सिमरन मोरया/- राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार जस्टिस वर्मा के महाभियोग के जरिए जजों की नियुक्ति पर नियंत्रण स्थापित करना चाहती है। सिब्बल ने कहा कि सरकार कॉलेजियम व्यवस्था को खत्म कर नेशनल ज्यूडिशियल अपॉइंटमेंट कमीशन (NJAC) को लागू करना चाहती है। वरिष्ठ वकील ने आरोप लगाया कि सरकार जस्टिस वर्मा और जस्टिस शेखर यादव के मामले में पक्षपात पूर्व कार्रवाई कर रही है।
जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग कार्रवाई पर उठाए सवाल
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बीते दिनों बताया था कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ संसद सत्र में महाभियोग प्रस्ताव लाया जाएगा। मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार की इच्छा कॉलेजियम सिस्टम को खत्म करने और जजों की नियुक्ति पर नियंत्रित स्थापित करने की है। जस्टिस वर्मा के पक्ष में बोलते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि ‘मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि वे एक बेहतरीन जज हैं, जिनके सामने मैंने बहस की है। आप हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के किसी भी वकील के पूछ सकते हैं। आप इलाहाबाद में उनके बारे में पूछ सकते हैं।’
राज्यसभा सांसद ने सवाल उठाते हुए पूछा कि एक जज के खिलाफ सबूत नहीं हैं तो भी उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जबकि जिनके खिलाफ सबूत हैं और मामला पब्लिक डोमेन में है तो भी कार्रवाई नहीं हो रही है। कपिल सिब्बल ने सरकार पर जस्टिस शेखर यादव को बचाने का आरोप लगाया।
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