नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। अभी कुछ महीने पहले ही रोहिणी कोर्ट में दनादन गोलियां चली थी। अब एक बार फिर रोहिणी कोर्ट में बम से धमाका हुआ हैं। जिसे देखतें हुए अब दिल्ली पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे है। क्या रोहिणी कोर्ट की सुरक्षा में कोई बड़ा लूप होल है जहां हर गेट पर मैटल डिटेक्टर व पुलिस की चॉक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था तैनात की गई है तो फिर कैसे अपराधी पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में पिस्तौल व बम तक ले जाते है। यह अभी एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
देश की राजधानी दिल्ली की रोहिणी अदालत में गुरुवार सुबह कोर्ट संख्या 102 में धमाका हो गया। इसके बाद कोर्ट रूम में अफरा-तफरी मच गई। अदालत में मौजूद लोग भागने लगे। धमाके में कोर्ट रूम में मौजूद एक सिपाही घायल हो गया। इसे कैट्स एंबुलेंस से तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। धमाका लोगों के बैठने के लिए लगी कुर्सी के पीछे हुआ। घटना की जानकारी मिलते ही जिला पुलिस उपायुक्त समेत सभी आला अधिकारी, स्पेशल सेल के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। मौके पर बम निरोधक दस्ता, एनएसजी की टीम और फोरेंसिक टीम को बुला लिया गया। पुलिस को मौके से क्षतिग्रस्त लैपटॉप, सफेद पाउडर, टिफिननुमा एक चीज, पेंच और कलपुर्जे और तार मिले। फोरेंसिक टीम ने बरामद चीजों को जब्त कर जांच में जुट गई है। छानबीन के बाद पुलिस अधिकारियों ने इसे कम क्षमता वाला विस्फोट बताया। पुलिस के मुताबिक, यह एक तरह का क्रूड बम था।
धमाका लैपटॉप बैग में हुआ है। इसमें किस तरह के विस्फोटक रखे गए थे, इसकी जांच की जा रही है। छानबीन के दौरान पुलिस ने परिसर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को कब्जे में कर आरोपी की पहचान करने में जुट गई है।
रोहिणी कोर्ट में धमाका करने के लिए अमोनिया नाइट्रेट का इस्तेमाल हुआ है। जांच एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि अक्सर आतंकी दहशत फैलाने के लिए अमोनिया नाइट्रेट का सहारा लेते हैं। सस्ते और आसानी से मिलने की वजह से भारत में लंबे समय तक इसे बम बनाने में इस्तेमाल किया जाता रहा है। जांच के दौरान पुलिस को मौके से टिफिन मिला है। आशंका जताई जा रही है कि आरोपी लैपटॉप बैग में टिफिन में विस्फोटक रखकर लाया होगा। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बैग को जज के बैठने के स्थान से करीब 15 फुट दूरी पर कुर्सी के पास रखा गया था।
सूत्रों का कहना है कि कोर्ट रूम में अगर भीड़ होती तो कई लोगों की जान जा सकती थी। क्योंकि विस्फोट वाली जगह पर एक इंच वाले कई स्क्रू मिले हैं। साथ ही सफेद पाउडर भी मिला है। विस्फोटक में काफी मात्रा में स्क्रू का इस्तेमाल किया गया था। धमाका होने के बाद टिफिन का ढक्कन जज से कुछ दूरी पर गिरा। मौके से कुछ तार और कांच के टुकडे भी मिले हैं। पुलिस को अंदेशा है कि धमाका किसी डिवाइस के जरिए किया गया है। जांच के दौरान सुरक्षा एजेंसी घटना में घायल सिपाही और अन्य चश्मदीदों से पूछताछ कर जानकारी हासिल करने में जुटी है।
शुरुआती पूछताछ में पता चला कि कोर्ट की सुनवाई शुरू होने से पहले सफाई कर्मी वहां से सफाई करके गया था। लेकिन उसने कोई बैग नहीं देखा था। कार्रवाई शुरू होने के बाद किसी ने बैग रखा और वहां से गायब हो गया।
सवाल ये नही की कोर्ट रूम में धमाका हुआ बल्कि अब सवाल ये है कि आखिर कैसे बार-बार कोर्ट में अपराधी पिस्तौल व बम ले जाने में कामयाब हो जाते हैं। यह जरूरी नही है कि अपराधी पकड़ा न जा सके। लेकिन क्या इसके बाद कोर्ट की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था हो सकेगी। आखिर दिल्ली पुलिस की व्यवस्था में ऐसी क्या कमी है कि अपराधी बार-बार ऐसी वारदातों को अंजाम दे रहे है। यहां बता दें कि हर बार वारदात जज के सामने ही हुई हैं लेकिन सबसे बड़ी गनीमत यह है कि अभी तक जज पर कोई हमला नही हुआ है। अब कोर्ट में जज भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखाई दे रहे है। यही कारण है कि इस धटना के बाद कोर्ट की सारी कार्यवाही स्थगित कर दी गई। वहीं अभी भी पुलिस अधिकारी इस मामले में ज्यादा कुछ कहने को तैयार नही है।
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