राजा महेन्द्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी से बदलेगी पश्चिमी यूपी की राजनीतिक फिजा, मोदी ने किया शिलान्यास ।

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October 7, 2024

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राजा महेन्द्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी से बदलेगी पश्चिमी यूपी की राजनीतिक फिजा, मोदी ने किया शिलान्यास ।

-अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नाम बदल भाजपा ने खेला हिंदू व जाट कार्ड, अलीगढ़ से पूरे पश्चिम यूपी को संदेश दे गए मोदी

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/अलीगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- एक तरफ यूपी में चुनावी माहौल और दूसरी तरफ किसान आंदोलन के बीच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नाम बदल कर राजा महेंन्द्र प्रताप सिंह करने के पीछे भाजपा की क्या मंशा है यह बात अब सभी को समझ आने लगी है। किसान आंदोलन को लेकर यूपी का जाट समाज पूरी तरह से खफा हो चुका था। किसान कदम-कदम पर भाजपा नेताओं का विरोध कर रहे थे। उधर अभी भी किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटें है। लेकिन भाजपा की एक चाल ने पूरे पश्चिमी यूपी की राजनीतिक फिजा को एकदम बदलकर रख दिया। वही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण के समापन के दौरान राजा महेन्द्र प्रताप सिंह अमर रहे का नारा लगवा कर सभी को अभिभूत कर दिया। बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी आज अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप सिंह के नाम पर बनी यूनिवर्सिटी के शिलान्यास कार्यक्रम में पंहुचे थे।
                           शिलान्यास के उपरान्त अपने भाषण में पीएम मोदी ने एक तरफ उन्होंने जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह का नाम लिया तो वहीं चौधरी चरण सिंह की ओर से किसानों के लिए उठाए कदमों का भी जिक्र किया। साफ है कि यूनिवर्सिटी के बहाने उनका इशारा जाट मतदाताओं की ओर था, जिसे लेकर यह माना जा रहा है कि किसान आंदोलन के चलते वह भाजपा से छिटक सकता है। प्रतीकों की राजनीति के माहिर कहे जाने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ से पूरे पश्चिम यूपी की नब्ज को पकड़ने का प्रयास किया। उन्होंने राजा महेंद्र प्रताप सिंह के अलावा जाट आइकॉन और किसानों की आवाज उठाने वाले सर छोटूराम का जिक्र किया तो वहीं पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के प्रयासों की भी जमकर तारीफ की। पीएम मोदी ने इस मंच से भले ही किसान आंदोलन को लेकर कुछ नहीं कहा, लेकिन इशारों में पश्चिम यूपी और जाट बिरादरी को साधने की कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने एक तरफ जाटलैंड को साधने का प्रयास किया तो वहीं हिंदुत्व को भी बेहद बारीकी से धार देते दिखे।
                        कैराना, शामली जैसे शहरों से कुछ साल पहले हिंदुओं के पलायन के दावे किए गए थे। इस पर भी उन्होंने इशारों में ही बात की और योगी सरकार के आने पर माहौल सुधरने का दावा किया। पीएम मोदी ने कहा, ’यूपी के लोग यह भूल नहीं सकते हैं कि पहले यहां किस तरह के घोटाले होते थे। राजकाज को किस तरह से भ्रष्टाचार के हवाले कर दिया गया था। आज योगी जी की सरकार पूरी ईमानदारी से यूपी के विकास में जुटी हुई है। एक दौर था, जब यहां शासन-प्रशासन गुंडों और माफियाओं की मनमानी से चलता था। लेकिन अब वसूली करने वाले और माफिया राज चलाने वाले सलाखों के पीछे हैं।’
                       पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ’मैं पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोगों को विशेष तौर पर याद दिलाना चाहता हूं कि इसी क्षेत्र में 4-5 साल पहले परिवार अपने ही घरों में डरकर जीते थे। बहन-बेटियों को घर से निकलने में और स्कूल-कॉलेज जाने में डर लगता था। जब तक बेटियां घर वापस न आएं, परिवार की सांसें अटकी रहती थीं। उस माहौल में कितने ही लोगों को अपना पुश्तैनी घर छोड़ना पड़ा। आज यूपी में कोई अपराधी ऐसा करने से पहले सौ बार सोचता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि योगी सरकार के दौर में गरीब की सुनवाई भी है और उसका सम्मान भी है।’
                         इस मौके पर पीएम मोदी ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह जैसे नायकों की उपेक्षा करने का आरोप भी इतिहासकारों पर लगाया। माना जा रहा है कि बीजेपी की ओर से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुकाबले में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर यूनिवर्सिटी शुरू करने का प्रयास है। इस एक नाम से भगवा दल एक तरफ जाटों को साधने के प्रयास में है तो वहीं हिंदुत्व को भी इससे धार मिलती है। पीएम मोदी ने भी अपने संबोधन में कई बार राजा महेंद्र प्रताप का जिक्र किया और उनके योगदान की उपेक्षा किए जाने की भी याद दिलाई। साफ है कि इस एक कार्यक्रम से पीएम मोदी ने बखूबी कई निशाने साधने का प्रयास किया।

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