म्यांमार की पूर्व नेता आंग सू की को मिला क्षमादान,

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September 17, 2024

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म्यांमार की पूर्व नेता आंग सू की को मिला क्षमादान,

-33 साल की कैद की सुनाई गई थी सजा,

यांगून/देश-विदेश/- म्यांमार में 2021 में हुए सैन्य तख्तापलट के बाद देश की चुनी हुई नेता आंग सान सू की और कई अन्य वरिष्ठ नेताओं को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। 78 वर्षीय सू की को विभिन्न मामलों में 33 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी और तभी से वह जेल में बंद थी लेकिन अब नेता आंग सान सू की को आम माफी दे दी गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार की पूर्व नेता आंग सान सू की को उन 19 अपराधों में से पांच में माफ कर दिया गया है, जिसके लिए उन्हें दोषी ठहराया गया था और जिनमें कुल 33 साल की जेल हुई थी।
                एक समय पर म्यांमार की सत्ता में अहम भूमिका निभा रही आंग सान सू के खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। अब स्टेट काउंसिल ने इनमें से पांच मामलों में आंग सान सू की को माफी दे दी है। हालांकि, वह अभी भी नजरबंद रखी जाएंगी। आंग सान सू की के साथ-साथ 7,000 अन्य कैदियों को भी इन मामलों में माफी दे दी गई है। बता दें कि म्यांमार की ओर से लगाए आरोपों के मामले में आंग सान सू की को कुल 33 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

हाउस अरेस्ट में रखी गई हैं आंग सान सू की
इनमें से ज्यादातर मामले ऐसे हैं जिनकी मदद से सेना ने उनको जनता का समर्थन हासिल करने से रोकने की कोशिश की। बता दें कि लगातार दो बार चुनाव जीतने वाली आंग सान सू की और उनकी पार्टी पर सेना ने आरोप लगाए थे कि उन्होंने साल 2020 में बड़ी धांधली करके चुनाव जीता है। पिछले हफ्ते तक वह जेल में थीं लेकिन अब उन्हें उनके घर पर ही नजरबंद रखा गया है।
               बता दें कि आंग सान सू को मंत्री का हेलिकॉप्टर किराए पर लेने के नियमों के उल्लंघन जैसे कई मामलों में दोषी करार देते हुए कुल 33 साल की सजा दी गई है। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू की ने भूटान के डॉ. माइकल ऐरिस से शादी की थी। उनके बेटों के विदेशी नागरिक होने के चलते वह देश की राष्ट्रपति नहीं बन सकीं। 2015 में हुए चुनाव में उनकी पार्टी ने बंपर जीत हासिल की थी। राष्ट्रपति कोई और बना लेकिन सत्ता की असली ताकत आंग सान सू की के ही हाथ में थी। उनकी अगुवाई में 2020 में भी उनकी पार्टी ने बंपर जीत हासिल की थी।
               लेकिन एक फरवरी 2021 को सेना ने तख्तापलट कर देश में एक साल के लिए आपातकाल लागू किया था। बाद में इस आपातकाल को बढाया गया और इस आपातकाल को चौथी बार फिर से छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। लेकिन तभी से म्यामार में दंगा भड़का हुआ है।

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