नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/इंफाल/शिव कुमार यादव/- देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी है। यहां लगातार रुक रुक कर हिंसक वारदातों ने आम जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। इसी कड़ी में बुधवार 14 जून को भी मणिपुर से हिंसक घटनाओं की जानकारी सामने आ रही है। खास बात यह है कि इन घटनाओं में अब तक 9 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि करीब 10 लोगों के घायल होने का समाचार भी है। मृतकों में एक महिला भी बताई जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक राजधानी इंफाल में अचानक मंगलवार देर रात को हिंसा भड़क उठी। यहां के खमेनलोक क्षेत्र में हिंसक घटनाएं जानलेवा साबित हुईं। हिंसक घटनाओं के बीच 10 से ज्यादा लोगों के जख्मी होने की जानकारी भी सामने आई है। इसके साथ ही अब तक मणिपुर में जारी हिंसा मामले में अब तक कुल 115 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
क्यों भड़की हिंसा
दरअसल मणिपुर में लगातार हिंसका घटनाओं के पीछे दो समुदाय में चल रही लड़ाई है। मैतेई और कूकी समुदाय अपनी मांगों को अड़े हुए हैं। इसी वजह से दोनों समुदायों के बीच समय-समय पर हिंसा उग्र रूप ले लेती है। 3 मई से शुरू हुआ ये सिलसिला एक महीने से ज्यादा वक्त से चल रहा है हालांकि केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक लगातार इस हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, बावजूद इसके ये घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।
पुलिस ने क्या कहा
घटना को लेकर पुलिस की ओर से जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, मंगलवार दे रात कुछ सशस्त्र उपद्रवी कूकी गांव पहुंचे और यहां हमला बोल दिया। जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची हालांकि तब तक हिंसा भड़की चुकी थी। बताया जा रहा है कि पुलिस और उपद्रवियों के बीच फायरिंग हुई इसमें 9 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 10 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं इन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां इनका इलाज चल रहा है।
More Stories
दिल्ली शराब घोटाले में नई चार्जशीट: अरविंद केजरीवाल पर मुख्य साजिशकर्ता का आरोप, तिहाड़ जेल में जमानत के लिए लंबा इंतजार
अमित शाह का जोरदार हमला: कांग्रेस और एनसी पर भ्रष्टाचार और आतंकवाद का आरोप, जम्मू-कश्मीर के विकास का दावा
आम आदमी पार्टी हरियाणा की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार, घोषणा जल्द होने की संभावना
The Deadly Deluge of Despair in KIRARI
सीखने की कोई उम्र नहीं होती: शकुंतला ठाकुर
केंद्र ने दिल्ली में एलजी की बढ़ाई शक्तियांः केजरीवाल सरकार को बड़ा झटका