नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- चीन से उत्पन्न एचएमवीपी वायरस एक बार फिर दुनिया में फैलने की कोशिश कर रहा है, और भारत में अब तक इसके सात मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, भारत के स्वास्थ्य मंत्री, जेपी नड्डा ने इस वायरस को लेकर चिंता व्यक्त नहीं की है और कहा है कि यह वायरस कोरोना के समान खतरनाक नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने हालांकि सभी अस्पतालों को एचएमवीपी वायरस के संभावित मरीजों के लिए तैयार रहने के आदेश दिए हैं। मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, अस्पतालों को सर्दी, खांसी, बुखार और कफ जैसे लक्षणों वाले रोगियों के लिए आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, बाहर से आने वाले लोगों की निगरानी रखने की भी आवश्यकता है।
स्वास्थ्य विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि अस्पतालों में ऐसे रोगियों के लिए अलग वार्ड बनाए जाएं, ताकि संक्रमण फैलने से रोका जा सके। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि यह वायरस सामान्य है और घबराने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस प्रकार के संक्रमण पहले भी देश में हो चुके हैं।
भारत में अब तक एचएमवीपी वायरस के सात मामले सामने आए हैं, जिनमें कर्नाटक, गुजरात और हिमाचल प्रदेश से मरीज मिले हैं। कर्नाटक में दो, गुजरात में दो और हिमाचल प्रदेश में भी मामले सामने आए हैं। इसके बाद सरकार ने बाहर से आने वाले लोगों की निगरानी तेज कर दी है।
चीन में एचएमवीपी वायरस का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि कई राज्यों में आपातकाल घोषित किया गया है। इसके बाद, हांगकांग में भी इस वायरस के मामले सामने आए हैं, जिससे इसे लेकर वैश्विक चिंता बढ़ गई है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस वायरस से संबंधित मामलों को सावधानी से देखा जा रहा है, लेकिन आमतौर पर यह वायरस सामान्य है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।
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