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  • भारत-चीन में जल्द हो सकती है सुलह, गोगरा हाइट्स से सेना हटाने पर राजी हुए दोनों देश

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    भारत-चीन में जल्द हो सकती है सुलह, गोगरा हाइट्स से सेना हटाने पर राजी हुए दोनों देश

    -दो दिन पहले कोर कमांडर्स के बीच चली 9 घंटे बातचीत में निकला नतीजा

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/एलएसी/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- भारत-चीन में पिछले एक साल से एलएसी पर जारी गतिरोध में सुलह के आसार नजर आने लगे है। दोनों देश गोगरा हाइट्स से अपनी-अपनी सेना हटाने पर सहमत हो गए हैं। मई, 2020 से ही इस क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं।
                              बता दें कि रविवार को ही दोनों पक्षों में कोर कमांडर लेबल की बातचीत हुई थी। 12वें दौर की यह बातचीत चीन के हिस्से वाले मोल्डो में करीब 9 घंटे चली थी। मीटिंग में पेट्रोलिंग पॉइंट 17 ए से दोनों देशों की सेनाओं ने हटने का फैसला किया है। गोगरा हाइट्स का पेट्रोलिंग पॉइंट 17 ए पूर्वी लद्दाख क्षेत्र के विवादित क्षेत्रों में से एक रहा है।
                            सूत्रों के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच डिसएंगेजमेंट को लेकर अंतिम बार बातचीत इस साल फरवरी में हुई थी। तब दोनों सेनाएं पैंगोंग झील के किनारे से हटने पर राजी हुई थीं। सूत्रों ने यह भी बताया कि दोनों पक्ष रविवार को हुई बातचीत के आधार पर जल्द ही गोगरा हाइट्स से हटने को लेकर जमीनी तौर पर शुरुआत कर देंगे। हॉट स्प्रिंग के पेट्रोलिंग पॉइंट (पीपी-15) और देपसांग समेत बाकी मुद्दों पर भी दोनों देश मीटिंग जारी रखेंगे और बातचीत के जरिए इनका भी हल निकालेंगे। ईस्टर्न लद्दाख में गोगरा और हॉट स्प्रिंग एरिया से डिसएंगेजमेंट पर सहमति। इन दोनों पॉइंट पर दोनों तरफ से करीब 30-35 सैनिक ही तैनात हैं। हॉट स्प्रिंग एरिया में पैंगोंग से भी पहले डिसएंगेजमेंट शुरू हुआ था, लेकिन वह पूरा नहीं हो पाया। यहां दोनों सेनाओं की एक प्लाटून (करीब 30 सैनिक) तैनात हैं। दोनों देशों के सैनिक इन पॉइंट्स पर पेट्रोलिंग भी नहीं कर पा रहे हैं।
    बातचीत में डेमचोक और डेपसांग का मसला भी उठाया गया। भारत चाहेगा कि डेपसांग एरिया में चीनी सैनिकों ने जो पेट्रोलिंग पॉइंट ब्लॉक किए हैं उन्हें वह खोले और अपने सैनिकों को हटाए। डेमचोक एरिया में चीनी सैनिकों के साथ ही सिविलियंस के टेंट भी लगे हैं। यह भी करीब दो साल पुराने हैं और मीटिंग में इन पर भी बात होनी थी। हालांकि यह इतना आसान नहीं है।
                          चुशुल-मोल्डो में कोर कमांडर लेबल की हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने 2 अगस्त को एक संयुक्त बयान जारी किया था। बयान के मुताबिक, ’दोनों पक्षों के बीच पश्चिमी क्षेत्र में डिसएंगेजमेंट को लेकर चर्चा हुई। दोनों पक्षों के मुताबिक, मीटिंग अच्छी रही, इससे आपसी समझ विकसित हुई।’ दोनों पक्ष मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने और बातचीत को बनाए रखने पर सहमत हुए। दोनों पक्षों ने यह भी कहा कि मीटिंग में इस बात पर भी सहमति हुई कि पश्चिमी क्षेत्र में स्।ब् पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रभावी प्रयास जारी रखते हुए संयुक्त रूप से शांति बनाए रखेंगे।’

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