
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली में पावर सप्लाई को लेकर दिल्ली व केंद्र सरकार आमने-सामने आ गये हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है। बिजली उत्पादन को लेकर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि कोयले की कमी के चलते दिल्ली की पावर कट का सामना करना पड़ सकता है जबकि केंद्रीय उर्जा मंत्री आर के सिंह ने भरोसा दिलाया है कि कही कोई कोयले की कमी नही है। स्टाक पूरा है आप इतमिनान रखें बिजली की सप्लाई सुचारू रहेगी। पावर प्लांटस के पास 24 घंटे का कोयले का स्टॉक मौजूद है। देश में लगभग 70 फीसदी बिजली कोयले से बनती है। बिजली उत्पादन के लिए पावर प्लांट्स के पास कोयले का स्टॉक काफी कम रह गया है। देश में कोयले के 135 पावर प्लांट हैं। इनमें अभी 2 से 4 दिन का स्टॉक है। केंद्र सरकार का कहना है कि हर रोज नया स्टॉक आ जाता है।
बता दें कि देश के पावर प्लांटों में कोयले की कमी की खबरों के बीच दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि राजधानी में बिजली की कटौती का भी फैसला लिया जा सकता है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि यदि कोयले की सप्लाई में कमी जारी रही तो फिर हमें बिजली कटौती का प्लान बनाना पड़ सकता है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा की लीडरशिप वाली केंद्र सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि इसी तरह उन्होंने देश में ऑक्सीजन की कमी से भी इनकार किया था। उन्होंने कहा कि अप्रैल में इसी तरह से देश में ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी आई थी, लेकिन सरकार ने इससे इनकार किया था।
वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत 6 राज्यों में बिजली संकट की आहट शुरू हो गई है। राज्यों ने केंद्र सरकार से बिजली संकट से निपटने के लिए कोटा के हिसाब से राज्य की कोयला आपूर्ति को बढ़ाने की मांग की है। दिल्ली के बिजली मंत्रालय ठैम्ै और टाटा पावर के अधिकारियों ने बिजली प्लांट में कोयले की कमी को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की। ऊर्जा मंत्री ने भरोसा दिलाया है कि दिल्ली को आवश्यक बिजली सप्लाई हो रही है और वो आगे भी जारी रहेगी।
केंद्रीय मंत्री जोशी ने कहा कि मोदी सरकार सभी को आश्वस्त कर रही है कि बिजली आपूर्ति बाधित होने का कोई खतरा नहीं है। कोल इंडिया लिमिटेड के पास 24 दिन की कोयले की मांग के बराबर 43 मिलियन टन कोयले का पर्याप्त स्टॉक है। थर्मल पावर प्लांट्स में रोलिंग स्टॉक दैनिक आपूर्ति के साथ भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि मानसून की वापसी के साथ, आने वाले दिनों में कोयले की खेप बढ़ने से कोयले का स्टॉक बढ़ जाएगा। कोयले का पर्याप्त भंडार है, डरने की जरूरत नहीं है।
सिंह ने भी कहा – बिजली की कमी नहीं होगी। हमारे पास एक औसत कोयला भंडार (पावर स्टेशन पर) है जो 4 दिन से अधिक समय तक चल सकता है। स्टॉक हर दिन भर दिया जाता है। मैं केंद्रीय कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी के संपर्क में हूं। कोयले की कमी को लेकर डर पैदा किया जा रहा है। इसकी वजह ळ।प्स् और टाटा के बीच हुआ गलत कम्युनिकेशन है।
सिंह ने कहा कि वास्तव में न तो कोई संकट था और न ही कोई संकट है। मैंने टाटा पावर के ब्म्व् को कार्रवाई की चेतावनी दी है, अगर वे ग्राहकों को डर पैदा करने वाले आधारहीन मैसेज भेजते हैं तो कार्रवाई होगी। ळ।प्स् और टाटा पावर के मैसेज गैर-जिम्मेदाराना हैं। सिंह ने कहा कि बिजली संकट को लेकर पैनिक तब हुआ, जब ळ।प्स् ने भवाना पावर प्लांट को सूचित किया कि 2 दिन बाद वो पावर सप्लाई रोक देंगे। मंत्री ने बताया कि ळ।प्स् का कॉन्ट्रेक्ट खत्म होने वाला था। उन्होंने कहा कि आज बैठक में शामिल ळ।प्स् के ब्डक् को मैंने सप्लाई जारी करने को कहा है।
गुजरात, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और तमिलनाडु सहित कई राज्यों ने बिजली प्लांट में कोयले की कमी पर चिंता जताई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर चेतावनी दी है कि अगर आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ तो अगले दो दिन में राष्ट्रीय राजधानी में ’ब्लैकआउट’ हो सकता है।
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