नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- बांग्लादेश में तख्तापलट और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद भारत ने अपनी सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है। इस समस्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) पर अपना भरोसा जताते हुए सीमा पर सुरक्षा के लिए अलर्ट जारी किया है। इस बीच, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सीमा पर नजर रखने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता BSF की पूर्वी कमान के एडीजी करेंगे।
सीमा की निगरानी के लिए BSF के नेतृत्व में समिति
गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति पर नज़र रखने के लिए एक समिति का गठन किया है। समिति बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत का एक चैनल बनाए रखेगी।
क्या है BSF?
BSF यानी सीमा सुरक्षा बल, भारत के चार प्रमुख सीमा गश्ती बलों में से एक है। यह दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है, जो भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमाओं की निगरानी करता है। सीमा की रक्षा के अलावा, BSF को आंतरिक सुरक्षा, उग्रवाद-विरोधी, आपदा प्रबंधन, और घरेलू कानून व्यवस्था बनाए रखने जैसी अन्य चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है।
BSF का मुख्य कार्य
BSF का मुख्य काम सीमा की रक्षा करना है। वर्तमान में, बांग्लादेश में तनाव के मद्देनजर, BSF के जवान सीमा पर तैनात हैं और स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा, BSF को सीमा पर घुसपैठ, हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी, और अवैध आव्रजन जैसे सुरक्षा खतरों से निपटने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
BSF की शक्तियां
BSF को तैनात क्षेत्र में किसी को भी गिरफ्तार करने और तलाशी लेने का अधिकार है। हाल ही में गृह मंत्रालय ने पंजाब, पश्चिम बंगाल, और असम में BSF के अधिकार क्षेत्र को सीमा से 50 किलोमीटर तक बढ़ा दिया है। हालांकि, गुजरात में BSF के ऑपरेशन का क्षेत्र सीमा से 80 किलोमीटर से घटकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है।
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