फिलहाल भारत का नेट जीरो होने का इरादा नहीं,- ऊर्जा मंत्री

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फिलहाल भारत का नेट जीरो होने का इरादा नहीं,- ऊर्जा मंत्री

उर्जा मंत्री आर के सिंह ने चीन समेत बड़े उत्सर्जक देशों पर बोला हमला
NMNews RK Singh

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- तमाम कयासों को शांत करते हुए भारत के ऊर्जा एवं रिन्यूएबिल एनर्जी मंत्री राज कुमार सिंह ने न सिर्फ साफ कर दिया है कि भारत फिलहाल नेट जीरो एमिशन के लिए कोई वायदा नहीं करेगा, बल्कि भारत के ऊर्जा मंत्री ने चीन और उस जैसे बड़े उत्सर्जकों पर शब्दों का तीखा हमला भी कर डाला है। उक्त बयान उर्जा मंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा संस्था आइईए द्वारा आयोजित वर्चुअल नेट जीरो सम्मेलन में दिया और साथ ही ऊर्जा मंत्री ने नेट जीरो के लक्ष्यों को फिलहाल असम्भव बताते हुए अमीर देशों से अपने उत्सर्जन में कटौती के लिए आगे आने को कहा।
                दरअसल वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक साथ काम करने के इरादे से 31 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी और संयुक्त राष्ट्र की 26वीं क्लाइमेट चेंज कांफेरेंस के नेट शून्य शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें में 40 से अधिक देशों के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा और जलवायु नेताओं ने भाग लिया। ऊर्जा मंत्री के बयान ऐसे समय पर आये जब भारत पर ग्लासगो में नवम्बर में होने वाली सीओपी-26 सम्मेलन से पहले बड़े पैमाने पर नेट जीरो लक्ष्य घोषित करने का कूटनीतिक दबाव बन रहा था तब अंततः श्री सिंह ने इस शिखर सम्मेलन के जरिये सरकार का पक्ष दुनिया के आगे रख ही दिया।
                   सिंह ने नेट जीरो का समर्थन करने वाले चीन के ऊर्जा मंत्री झांग जियानहुआ, अमेरिका के जलवायु दूत जॉन केरी और ईयू के फ्रैंस टिममेन के साथ इस सम्मलेन में पैनल चर्चा के दौरान बिना किसी का नाम लिए कहा, “ऐसे भी देश हैं जिनका प्रति व्यक्ति उत्सर्जन विश्व औसत का चार गुना, पांच गुना, छह गुना, यहाँ तक की 12 गुना है।” उन्होंने आगे चीन पर तीखा हमला करते हुए कहा, “ये तो हम सुनते आ रहे हैं कि हम उत्सर्जन कम करेंगे, लेकिन अब सवाल यह उठता है कि उत्सर्जन कब कम होने वाला है? जो हमें सुनाई देता है वो ये है कि 2050 तक या 2060 तक हम कार्बन न्यूट्रल हो जाएंगे, लेकिन 2060 बहुत दूर है। और अगर इसी रफ्तार पर वो एमिशन करते रहे तो दुनिया नहीं बचेगी।” ऊर्जा मंत्री ने आगे साफ-साफ पूछा कि, “अब आप ये बताइए कि आप अगले पांच से दस सालों में क्या करने वाले हैं इस दिशा में क्योंकि दुनिया यही जानना चाहती है।”
                यहाँ जानना होगा कि कच्चे तेल के निर्यातक सऊदी अरब साल 2030 तक 50 फीसद रेन्युब्ल एनेर्जी की ओर जाने की बात कर रहा है और पौधारोपण को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित कर रहा है। आईइए द्वारा आयोजित इस  नेट जीरो सम्मेलन की शुरुआत करते हुए, ब्व्च्26 के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने सभी देशों को शुद्ध शून्य दुनिया के लिए प्रतिबद्ध होने को कहा। उन्होंने कहा, ष्फिलहाल इस नेट जीरो लक्ष्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया जा रहा है। हम एक और दशक सिर्फ विचार-विमर्श में नहीं गँवा सकते। इधर कुछ समय से नेट जीरो के लिए भारतीय योजनाओं पर अटकलें तेज हो गई थीं। बल्कि हाल की रिपोर्टों ने तो इस बात तक का इशारा किया कि मोदी के करीबी सरकारी अधिकारी 2050 या 2047 के लिए शुद्ध शून्य लक्ष्य निर्धारित करने पर विचार कर रहे थे। लेकिन इस सप्ताह की शुरुआत में, सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी रायटर्स को बताया कि भारत के 2050 तक अपने आप को एक शून्य शून्य लक्ष्य में बंधने की संभावना नहीं है। और अब आईइए की नेट जीरो सम्मिट में बिजली मंत्री के भाषण ने सभी अटकलें पर विराम लगा दिया।
                     नेट जीरो के लक्ष्य हाल फिलहाल में विशेषज्ञों के निशाने पर आ गए हैं और उनकी जांच के दायरे में हैं क्योंकि इन लक्ष्यों में भविष्य में 30 साल के लिए प्रतिबद्धताओं का उल्लेख तो किया है लेकिन आने वाले अगले कुछ सालों में कटौती के लिए किसी परिवर्तनकारी कार्रवाई का जिक्र नहीं किया है।

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