
नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- दिल्ली हाईकोर्ट को फंड न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार इस बार फटकार लगाते हुए, सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सवाल उठाए है कि आखिर दिल्ली सरकार को फंड जारी करवाने में क्या परेशानी आ रही है। हमें बृहस्पतिवार तक मंजूरी चाहिए। यह एक मॉडल हाईकोर्ट है और हालत देखिये। जजों की ट्रेनिंग हो रही है और कोई अदालत कक्ष नहीं है।
गुरूवार तक फंड जमा करवाओ-सुप्रीम कोर्ट
वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान ने कहा कि अभियोजकों और जजों को हाईकोर्ट में अपर्याप्त सुविधाओं के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि शहर की जिला न्यायपालिका में 887 की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 813 न्यायिक अधिकारी कार्यरत हैं। अब मंजूरी प्राप्त इस संख्या को 118 कोर्टरूम की जरूरत है साथ ही 114 और कोर्टरूम्स की जरूरत है। गुरूवार तक फंड जमा करवाने को कहा।

पीठ ने कहा, दिल्ली जिला न्यायपालिका की मांगों को पूरा करने में दिल्ली सरकार के रवैये के लिए हमें कोई कारण या औचित्य नहीं मिलता है। हम दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस मुद्दे पर कल एक बैठक बुलाने का निर्देश देते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी पहले किया सवाल
नवंबर में फंड की कमी की बात दिल्ली हाईोकोर्ट भी उठा चुका है। तब ।ब्श्र मनमोहन ने कहा था अगले साल तक 100 मजिस्ट्रेट तैयार हो जाएंगे और हमारे पास उन्हें लगाने के लिए जगह तक नहीं है। हमारे पास नई कोर्ट के लिए जगह और फंड्स नहीं हैं। दिल्ली सरकार न पैसे दे रहा और न ही जगह।
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