
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने केंद्र सरकार द्वारा पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों का डीए बंद किये जाने को गलता बताते हुए सरकार की नीतियों पर सवाल उठाये है। एसोसिएशन ने ट्विटर के माध्यम से सरहदी चैकीदारों के डीए रोकने का पुरजोर विरोध किया और सरकार से इस पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों का डीए देने की अपील की।
कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणवीर सिंह ने कहा कि पैरामिलिट्री फोर्स के जवान देश के बॉर्डर की चाक-चैबंद चैकसी के अलावा राज्यों में कानून व्यवस्था को बनाए रखने में स्थानीय शासन प्रशासन की मदद, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में व कश्मीर में दहशतगर्दी से निपटने के लिए लोहा ले रहे हैं। पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को कोरोना काल में आम लोगों को निःशुल्क चिकित्सा, दवाइयां व राशन देते आम देखा जा सकता है। हम पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों व रिटायर्ड सैनिकों का महंगाई भत्ता रोकें जाने का शांति पूर्ण विरोध करते हैं। इसके लिए सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और जवानों का डीए फिर से बहाल करना चाहिए ताकि जवान आर्थिक संकट से निपट सकें और उनका मनोबल बना रहे। उन्होने कहा कि खासकर जब सरकार उनकी बात नही सुनती तो उनके पास ट्विटर बाबा की शरण में जाने के सिवाय कोई रास्ता ही नही बचा है। ट्विटर से देश की जनता तक पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों की आवाज पंहुचाना बहुत आवश्यक है ताकि देश को पता चल सके कि सरहदों की रक्षा के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वालों के खिलाफ सरकार क्या चाल चल रही है।
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