
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने लाल किले पर हिंसा फैलाने के मामले में शुक्रवार को अभिनेता दीप सिद्धू, इकबाल सिंह, मनिंदर मोनी और खेमप्रीत सहित 16 लोगों के खिलाफ तीस हजारी अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। करीब तीन हजार पृष्ठों के आरोप पत्र में संबंधित गवाहों के बयानों, दस्तावेज के अलावा 250 पृष्ठ में ऑपरेशनल पार्ट शामिल है। ऑपरेशनल पार्ट में यह दर्शाया गया है कि किस प्रकार इस पूरी साजिश को रचा व अंजाम दिया गया। इस मामले में लक्खा सिधाना सहित छह अन्य आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं। अदालत इस आरोपपत्र पर 28 मई को विचार करेगी।
आरोपपत्र में पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा को पूर्व नियोजित बताया है। पुलिस ने कहा कि जांच में पाया गया कि इस हिंसा की पहले से ही तैयारी थी। इसे अचानक हुई हिंसा कहना गलत है, क्योंकि दंगाई हथियारों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे। उनके पास तलवार, हॉकी, डंडे जैसे हथियार थे। इन्होंने वहां जमकर उपद्रव मचाया। पुलिस के मुताबिक, ट्रैक्टर रैली की आड़ में इस हिंसा को अंजाम दिया गया। पुलिस ने किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर रैली करने की अनुमति दी थी, लेकिन ट्रैक्टर के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर करीब तीन सौ उपद्रवी वहां पहुंचे थे। वहां उन्होंने लाल किले के अंदर बलपूर्वक प्रवेश कर जमकर उत्पात मचाया। एक समय तो ऐसा आया कि उपद्रवियों ने लाल किले पर कब्जा कर लिया था।
आरोप पत्र में तर्क रखा है कि यह किसी भी हाल में संभव नहीं है कि बिना किसी साजिश के ऐसा करना संभव हो पाता। साजिश इतनी बड़ी थी कि कोई अंदाजा ही नहीं लगा पाया कि किसान रैली के आड़ में दंगा किया जाएगा। आरोपपत्र में पुलिस ने कहा कि यह सुनियोजित घटना थी यह इससे भी पता चलता है कि दंगाइयों ने सुरक्षा कर्मियों पर जानलेवा हमला किया। इस बाबत दिल्ली पुलिस ने विभिन्न स्तर पर जांच कर 43 एफआईआर दर्ज की हैं। अब तक 150 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं।
इस मामले में पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू के अलावा, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने वॉन्टेड मनिंदर सिंह को भी गिरफ्तार किया है, जिसे 26 जनवरी को हिंसा भड़कने पर दोनों हाथों से तलवारें लहराते देखा गया था। 26 जनवरी के दिन मनिंदर सिंह द्वारा लाल किले पर लहराई गई 4.3 फीट आकार की दो तलवारों को भी दिल्ली के स्वरूप नगर स्थित उसके घर से बरामद किया गया था। उसे घटना वाले दिन लाल किले की प्राचीर पर दो तलवारें लहराते हुए एक वीडियो में देखा गया था, जब प्रदर्शनकारी किले की ओर दौड़े थे। इस मामले में कई आरोपी अब भी गिरफ्त में नहीं आए पाए हैं।
पुलिस ने लाल किला, उसके आस-पास व लाल किले की तरफ जाने वाली सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की घटना के समय की फुटेज, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो आदि को अहम साक्ष्य के तौर पर पेश किया है। इसी के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की गई है। इसके अतिरिक्त आरोपियों के मोबाइल फोन रिकॉर्ड को भी चार्जशीट के साथ संलग्न किया गया है। यह आरोपियों के घटनास्थल पर मौजूदगी को दर्शाता है।
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