नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे में दोषी करार और सजायाफ्ता पूर्व कांग्रेसी सांसद सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि आप स्पेशल नहीं हैं। दरअसल, उम्रकैद काट रहे सज्जन कुमार ने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी। इस जमानत याचिका के जवाब में सीबीआई की ओर से मेडिकल रिपोर्ट लगाई गई है।
सीबीआई का कहना है कि सज्जन कुमार का स्वास्थ्य लगातार ठीक हो रहा है और वे कस्टडी में रहकर भी अपना इलाज करवा सकते हैं। इसके बाद कोर्ट ने उनको जमानत देने से इंकार कर दिया है। सज्जन सिंह के वकील का कहना था कि वे अच्छे अस्पताल में अपना इलाज कराना चाहते हैं, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे अकेले ऐसे बीमार नहीं हैं जिन्हें स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाए। कस्टडी में रहकर वे अपना इलाज करा सकते हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा 17 दिसंबर 2018 को मामले में उन्हें और अन्य को दोषी ठहराया गया था, जिसके बाद से सज्जन कुमार आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उच्च न्यायालय ने एक व दो नवंबर 1984 को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में पालम कॉलोनी के राज नगर पार्ट-1 इलाके में पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में एक गुरुद्वारा जलाने के मामले में निचली अदालत द्वारा 2013 में कुमार को बरी किए जाने के फैसले को पलट दिया था।
बता दें कि, 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दौरान देशभर में सिखों के खिलाफ हिंसा भड़की थी। इसके बाद दिल्ली में हुए दंगों के मामले में पूर्व कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद रह चुके सज्जन कुमार को कोर्ट ने दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
-स्वास्थ्य के आधार पर सज्जन कुमार ने मांगी थी जमानत, कोर्ट ने कहा स्पेशल नही हैं आप
More Stories
श्रद्धा पर्व-2024 महोत्सव में सुधांशु जी महाराज ने कृष्ण गोपाल विद्यार्थी को लोककवि सम्मान से सम्मानित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हरियाणा की जनता के नाम संदेश: BJP को फिर से जीत का भरोसा
भारतीय क्रिकेट टीम ने बांग्लादेश के खिलाफ जीती टेस्ट सीरीज, अब T20I सीरीज की तैयारी
Kia EV9 लॉन्च: 561 किलोमीटर की शानदार रेंज और बेहतरीन फीचर्स, कीमत 1.30 करोड़ रुपये से शुरू
Google का बड़ा ऐलान: अब हिंदी में भी बोलेगा Gemini
दुनियाभर में बढ़ता हृदय रोगों का खतरा: युवाओं में भी बढ़ रही चिंता