बिहार/उमा सक्सेना/- बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान नजदीक आते ही सियासी गलियारों में हलचल और बयानबाज़ी तेज हो गई है। इसी बीच एक बड़ी राजनीतिक मुलाकात चर्चा का विषय बन गई है। भोजपुरी स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने जन सुराज पार्टी के प्रमुख और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) से मुलाकात की है, जिसके बाद राजनीतिक विश्लेषणों और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
“चुनाव लड़ने नहीं, न्याय की आवाज बनने आई हूं” — ज्योति सिंह
मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में ज्योति सिंह ने स्पष्ट कहा कि उनकी इस भेंट का उद्देश्य ना तो टिकट मांगना था और ना ही चुनाव लड़ना। उन्होंने कहा,
“मैं यहां इसीलिए आई हूं ताकि किसी और महिला को वो दर्द और अन्याय न सहना पड़े जो मैंने सहा। मैं उन सभी महिलाओं की आवाज बनना चाहती हूं जो चुपचाप अपने साथ हो रहे अत्याचार को सह लेती हैं।”
ज्योति ने कहा कि उनकी मुलाकात व्यक्तिगत न्याय और महिला सम्मान के मुद्दे पर हुई, ना कि राजनीतिक फायदे या चुनावी समीकरणों के लिए।
प्रशांत किशोर ने कहा — “यह सामाजिक दायित्व की मुलाकात थी”
इस मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने भी बयान देते हुए कहा कि ज्योति सिंह एक बिहार की बेटी और एक महिला के रूप में उनके पास आई थीं। उन्होंने साफ किया कि,
“ज्योति ने चुनाव लड़ने की कोई मांग नहीं रखी। उनकी प्राथमिक चिंता यह है कि बिहार में किसी और महिला को उनके जैसा अन्याय न सहना पड़े। उन्होंने जन सुराज से सहयोग की उम्मीद जताई है।”
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि वह पारिवारिक विवादों में दखल नहीं दे सकते, लेकिन कानून और लोकतंत्र के दायरे में महिला सुरक्षा और सम्मान को लेकर जन सुराज पार्टी हमेशा साथ खड़ी रहेगी।
पवन सिंह का जिक्र और पीके का संतुलित बयान
प्रशांत किशोर ने यह भी माना कि पवन सिंह उनके मित्र हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि निजी संबंधों से ऊपर सामाजिक दायित्व होता है।
“अगर कोई महिला अपने साथ हुए अन्याय की बात लेकर आती है, तो मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उसकी बात सुनूं। उन्होंने मुझसे कुछ नहीं मांगा है, बस न्याय और सुरक्षा की उम्मीद जताई है।”
ज्योति सिंह की मुलाकात से बढ़ी राजनीतिक दिलचस्पी
इस मुलाकात ने बिहार की सियासत को नई दिशा दे दी है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ज्योति सिंह का यह कदम महिलाओं के मुद्दों को चुनावी विमर्श के केंद्र में ला सकता है। वहीं, जनता के बीच भी यह सवाल उठ रहा है कि क्या ज्योति सिंह भविष्य में सक्रिय राजनीति में कदम रख सकती हैं।


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