पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा भाजपा उम्मीदवारों से पूछेगा सवाल

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पंजाब में संयुक्त किसान मोर्चा भाजपा उम्मीदवारों से पूछेगा सवाल

-प्रश्नावली तैयार करने में जुटे एसकेएम के नेता

नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/- पंजाब में भाजपा का विरोध करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पूरी तैयारी कर ली है। अपनी पूर्ववर्ती घोषणा के तहत संयुक्त किसान मोर्चा के किसान व नेता पंजाब के गांवों में भाजपा प्रत्याशियों से किसानों के  खिलाफ बल प्रयोग करने को लेकर सवाल पूछेगा और लोगों से लोकसभा चुनाव में पार्टी को ‘दंडित’ करने को कहेगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को किसानों के लिए एक प्रश्नावली तैयार की, जिसमें चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पंजाब के गांवों में भाजपा उम्मीदवारों से पूछे जाने वाले सवाल शामिल किये गए हैं।
एसकेएम ने अब रद्द किये जा चुके गए कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था। पंजाब की 13 लोकसभा सीट के लिए आखिरी चरण में एक जून को मतदान होगा। एसकेएम नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि किसानों की भाजपा से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, लेकिन अगर वे उनके वोट मांगने आएंगे तो वे उसके उम्मीदवारों से सवाल पूछेंगे।

उन्होंने कहा, ‘हम शांति बनाये रखेंगे और भाजपा के लोगों के साथ किसी भी टकराव में शामिल नहीं होंगे।’’ राजेवाल ने भाजपा उम्मीदवारों से सवाल पूछने के दौरान किसानों से अनुशासन में रहने को भी कहा। पिछले कुछ दिनों में भाजपा उम्मीदवारों–पटियाला से परनीत कौर, फरीदकोट से हंस राज हंस और अमृतसर से तरणजीत सिंह संधू को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा है। लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के दौरान उन्हें किसानों ने काले झंडे दिखाए थे।
राजेवाल ने कहा कि पोस्टर में छपी 11 सूत्री प्रश्नावली हर गांव के प्रवेश बिंदु पर लगाई जाएगी। प्रश्नावली का विवरण साझा करते हुए राजेवाल ने कहा कि भाजपा उम्मीदवारों से पूछा जाएगा कि किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए लोहे की कीलें बिछाकर और अवरोधक लगाकर सड़कें क्यों अवरुद्ध की गईं। राज्य के किसान शुभकरण सिंह (21) के बारे में भी सवाल पूछेंगे, जिनकी हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के साथ कथित झड़प के दौरान मौत हो गई थी।
राजेवाल ने कहा कि भाजपा उम्मीदवारों से यह भी पूछा जाएगा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को अभी तक कानूनी दर्जा क्यों नहीं दिया गया और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट क्यों लागू नहीं की गई। प्रश्नावली में, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 2021 में हुई हिंसा, कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामले, कृषि ऋण माफी और बिजली संशोधन अधिनियम से संबंधित प्रश्न भी शामिल होंगे।
एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा सरकार पर अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने को लेकर किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी मुख्य मांगों में फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी भी शामिल है। पंजाब के प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं क्योंकि सुरक्षा बलों ने उन्हें दिल्ली की ओर मार्च करने से रोक दिया था।

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