
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नेपाल/शिव कुमार यादव/- अपने पड़ौसियों के साथ पड़ौसी धर्म निभाने की बजाये चीन उनकी जमीने हड़पने की कोशिश कर रहा है। भारत के साथ सीमा पर तनाव के बाद अब चीन ने नेपाल की सरजमीं पर भी अपने कदम बढ़ा दिये है। चीन ने नेपाल के गोरखा जिले के रूइला सीमा नाका पर नेपाली सीमा की ओर कंटीले तारों की बाड़ लगा दी है। चीन ने दो साल पहले इसी जमीं पर अपने सैन्य ठिकाने बना लिए थे। हालांकि नपाल के स्थानीय लोगों ने चीन की इस हरकत की जानकारी दी है लेकिन नेपाल सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नही दी है।
दरअसल, नेपाल के हिमालय क्षेत्र में बॉर्डर का निर्धारण अभी तक नहीं हो पाया है। इससे सीमा की वास्तविक स्थिति पता नहीं चल पाता है। इसी का फायदा उठाते हुए चीन ने नेपाली सीमा में अतिक्रमण करते हुए नेपाल के गोरखा जिले के रुइला सीमा नाका पर नेपाल की ओर कंटीले तारों की बाड़ लगा दी है। हालांकि, इस बारे में अभी तक न तो जिला प्रशासन और ना ही नेपाली सरकार को जानकारी है। गोरखा जिले के प्रमुख जिला अधिकारी शंकर हरि आचार्य ने बताया की इस तरह की कोई भी जानकारी हमारे पास नहीं है और न ही चीन की तरफ से इसे लेकर कुछ बताया गया।
नेपाल की विदेश मंत्रालय की सहायक प्रवक्ता ने रीता धिताल ने बताया कि सीमा क्षेत्र पर कोई भी निर्माण कार्य करने से पहले दोनों देशों की सहमति जरूरी होती है हालांकि, उन्होंने कहा, ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि चीन ने दशगजा क्षेत्र में नेपाली जमीन की ओर ऐसे निर्माण किए हैं।
स्थानीय नागरिकों का दावा है कि चीन ने नेपाली भूमि की तरफ कंटीले तार लगाए हैं। रुइला निवासी छिरिंग लामा ने वहां की तस्वीर भेजते हुए बताया कि चीन ने नेपाली भूमि की तरफ से यह कंटीले तार सीमा पर लगाने का काम किया है और .हमारे उस तरफ जाने पर प्रतिबंध भी लगा दिया है। लामा का कहना है कि नेपाली गांव रूइला और साम्दा के बीच में यह तार लगाया गया है।
एक और स्थानीय नागरिक दावा लामा का आरोप है कि पिछली बार जब से चीन के द्वारा नेपाली भूमि पर भवन संरचना बनाने की खबर मीडिया में आई है तब से सीमा पर और अधिक निगरानी बढ़ा दी गई है। तीन साल से नेपाली नागरिकों को साम्दा की ओर नहीं जाने दिया गया। वहां पर चीनी सुरक्षाकर्मियों का जमावड़ा रहता है और सीसीटीवी से निगरानी की जाती है।
उनका कहना है कि हमारे सगे संबंधी उस तरफ साम्दा में रहते हैं। उधर भी कई लोग हैं जिनके सगे संबंधी इस तरफ रहते हैं लेकिन तीन साल से हम एक दूसरे से मिल नहीं पा रहे हैं। कंटीले तार से घेराबंदी करने के बाद जो दरवाजा बनाया गया है वहां पर ताला लगा दिया गया है और चौबीसों घंटे चीनी सेना के जवान वहां तैनात रहते हैं।
क्षेत्र में कंटीले तार लगाने की जानकारी मिलने के बाद नेपाल के एक सरकारी अधिकारी ने कुछ समय पहले वहां का दौरा भी किया था। नाम न छापने की शर्त पर अधिकारी ने बताया कि करीब डेढ़ सौ से दो सौ मीटर लंबे क्षेत्र में कंटीले तार से घेर कर सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है और अगर गलती से कोई भी वहां का स्थानीय उसके आस पास घूमता हुआ भी नजर आ जाता है तो चंद मिनटों में ही चीनी सुरक्षा के जवान वहां पहुच कर उन्हें वापस चले जाने का निर्देश देने लगते हैं। जब अधिकारी वहां निरीक्षण के लिए पहुंचे थे, तब भी चीनी सैनिकों ने उन्हें लौटने के लिए कहा था।
More Stories
Minister Neena Tangri Praises Efforts To Promote Traditional Ayurveda Medicine
कुमारी शैलजा और अभिषेक सिंघवी को हाईकमान से ’इनाम’, सीडब्ल्यूसी में एंट्री
शिवसेना संकट पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी डाले हथियार
छिन सकती है अरविंद केजरीवाल की कुर्सी, भाजपा सदस्य ने दिया प्रस्ताव
द्वारका के मोहन गार्डन इलाके में मिली लड़की की लाश, हत्या का शक
भ्रष्टाचार के खिलाफ उपराज्यपाल का एक्शन, दिल्ली सरकार के तीन अधिकारियों को किया निलंबित