
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/कोलकाता/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल शुरू हो गई है। सीबीआई की ओर से टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) के दो मंत्रियों समेत चार नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद वहां राजनैतिक भूचाल मच गया है। टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई कार्यालय के बाहर टीएमसी के कार्यकर्ता भारी संख्या में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में सीबीआई अदालत में हो रही सुनवाई पूरी हो गई है। वहीं, शाम को सीबीआई दफ्तर से बाहर निकलीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ज्यादा कुछ न बोलते हुए इतना की कहा कि मामले में अदालत फैसला सुनाएगी। अदालत से चारों तृणमूल नेताओं को जमानत मिल गई है।
इसके पहले टीएमसी कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया था। ऐसा बताया जा रहा है कि सीबीआई के दफ्तर के बाहर सैकड़ों की संख्या में टीएमसी कार्यकर्ता मौजूद थे और टीएमसी कार्यकर्ताओं की ओर से पथराव भी किया गया। वहीं दफ्तर के अंदर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी लंबे समय तक मौजूद रहीं। तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने यहां झंडे लहराए और सीबीआई तथा केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सीबीआई का दफ्तर निजाम पैलेस में केंद्र सरकार के कार्यालय परिसर में स्थित है। यहां पर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान तैनात हैं तथा परिसर में अवरोधक लगाए गए हैं। कोलकाता पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में यहां मौजूद हैं।
सीबीआई ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा के साथ पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को नारदा स्टिंग मामले में कोलकाता में गिरफ्तार किया। नारदा स्टिंग मामले में कुछ नेताओं द्वारा कथित तौर पर धन लिए जाने के मामले का खुलासा हुआ था।
संविधान का पालन करें ममता- राज्यपाल
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने ट्वीट कर इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि पुलिस राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने की कोशिश करे। इसके अलावा उन्होंने ममता बनर्जी से अपील करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी संविधान का पालन करें। इसके अलावा जगदीप धनखड़ ने कहा कि कोलकाता पुलिस मूकदर्शक बनकर देख रही है। इलाके में स्थिति पूरी तरह से अराजक हो चुकी है। राज्यपाल ने कहा कि इलाके में पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश करे।
टीएमसी कार्यकर्ताओं की मांग है कि पार्टी के टॉप चार नेताओं को जल्द से जल्द राहत किया जाए। बता दें कि साल 2014 में हुए नारदा स्टिंग ऑपरेशन की कार्रवाई के तहत सीबीआई ने इन चार नेताओं को गिरफ्तार किया है। हालांकि इस पर ममता बनर्जी ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि अगर गिरफ्तारी करनी है तो मुझे भी गिरफ्तार कीजिए। मंत्री हकीम, मुखर्जी, मित्रा और चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी लेने के लिए सीबीआई ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ का रुख किया था। वर्ष 2014 में कथित अपराध के समय ये सभी मंत्री थे।धनखड़ ने चारों नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी जिसके बाद सीबीआई अपना आरोपपत्र तैयार कर रही है और उन सबको गिरफ्तार किया गया।
यहां बता दें कि नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए। यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 में सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
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