
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नजफगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- अगर मन में लगन पक्की हो और इरादे दृढ़ हो तो कोई भी मंजिल पाना मुश्किल नही होता। यह सबित किया दिल्ली के नजफगढ़ में रहने वाली 11 वी कक्षा की छात्रा प्राची गोयल ने जिसने मिरर राइटिंग यानी उल्टी लिखाई में न केवल महारत हासिल की है बल्कि विश्व कीर्तिमान भी बनाया है। इस होनहार छात्रा का नाम कोरोना काल में इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज किया गया है। इस प्रतिभा के लिए इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स ने उन्हें सर्टिफिकेट और मैडल देकर सम्मानित किया है। प्राची की इस उपलब्धि से पूरे नजफगढ़ का नाम रोशन हो गया है। जिसे देखते हुए नजफगढ़ क्षेत्र की बड़ी हस्तियां प्राची को बधाई देने उसके घर पंहुच रही है। वहीं प्राची के माता-पिता बेटी की इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे है।

यहाँ बता दे कि जब सारी दुनिया कोरोना महामारी से बचने के लिए घरों में दुबकी बैठी थी उसी समय प्राची ने अपने अंदर छिपी अपनी प्रतिभा को पहचाना और उस पर दिन-रात अभ्यास शुरू किया। यूं तो प्राची 8वीं कक्षा से मिरर राइटिंग की प्रक्टिस करती आ रही है। लेकिन कोरोना काल ने उसे एकांत समय को उपयोग करने की एक नई प्रेरणा दी और उसने उसका भरपूर फायदा उठाया। मिरर राइटिंग यानी शब्दों को उल्टा करके लिखने में प्राची ने उस विश्व रिकॉर्ड को तोडा है जो पहले दक्षिण भारत में रहने वाली एक लड़की के नाम था जो एक मिनट में 165 उलटे शब्द लिख सकती थी लेकिन प्राची ने अब एक मिनट में 200 उलटे शब्द लिख कर इस विश्व कीर्तिमान को तोडा है।
प्राची की इस सफलता व विश्व कीर्तिमान के लिए दिचाऊं कलां वार्ड की पार्षद नीलम कृष्ण पहलवान ने भी होनहार छात्रा के घर जाकर उसको बधाई दी। पार्षद नीलम कृष्ण पहलवान ने छात्रा और उसके परिजन को बधाई देते हुए कहा की इस बेटी ने मिरर राइटिंग में विश्व कीर्तिमान बनाकर नजफगढ़ का नहीं अपितु विश्व में पूरे देश का नाम रोशन किया है। इस अवसर पर नजफगढ़ अग्रसेन समाज के पदाधिकारी भी प्राची गोयल को उनके घर बधाई देने पहुंचे। उन्होंने प्राची को एक समृति चिन्ह और शाल भेंट कर सम्मानित किया। इस होनहार छात्रा को बधाई देने में अग्रसेन समाज के पूर्व प्रधान चंद्रभान मित्तल व अध्यक्षा अग्रसेन समाज शालू सिंघल के साथ-साथ अग्रसेन समाज नजफगढ़ के अशोक मित्तल, राकेश अग्रवाल, प्रदीप सिंघल, देवेंदर बिंदल, सुशील गोयल और रंजना गुप्ता विशेष रूप से उपस्तिथ रहे।

वही प्राची गोयल ने इस विश्व कीर्तिमान के मिलने का श्रेय अपने माता पिता को दिया। उन्होने कहा कि उनकी ही प्रेरणा व सहयोग से वह यह कीर्तिमान बना पाई है। माता-पिता ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उसके लिए प्रेरित करना ही बहुत बड़ी बात हैं। आज वह ऐसे माता-पिता पाकर गर्व महसूस कर रही हैं। उधर प्राची की मां पूजा गोयल का कहना है कि एक दिन उसने देखा की प्राची कुछ उल्टा-पुल्टा लिख रही है तो उसने पहले तो उसे डांटा लेकिन जब प्राची ने उसे शीशे में दिखाया तो उन्हे लगा कि प्राची में गोड गिफिटिड प्रतिभा है जिसे दबाना गलत होगा। तब उन्होने प्राची को इस प्रतिभा पर अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया। आज प्राची ने विश्व रिकार्ड बनाकर जो मुकाम हासिल किया है उस पर मुझे गर्व है आगे भी वह प्राची की हर तरह से मदद करती रहेंगी। अब प्राची का मकसद गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड में नाम दर्ज कराने का है जिसके लिए उसने तैयारी शुरू कर दी है। वहीं यह भी बता दें कि प्राची को इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्ड्स संस्था अप्रैल में सम्मानित करेगी।
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