• DENTOTO
  • नजफगढ़ में रोटी के लिए कोरोना व कानून से दो-दो हाथ करने को तैयार मजदूर

    स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

    शिव कुमार यादव

    वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

    संपादक

    भावना शर्मा

    पत्रकार एवं समाजसेवी

    प्रबन्धक

    Birendra Kumar

    बिरेन्द्र कुमार

    सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

    Categories

    April 2025
    M T W T F S S
     123456
    78910111213
    14151617181920
    21222324252627
    282930  
    April 24, 2025

    हर ख़बर पर हमारी पकड़

    नजफगढ़ में रोटी के लिए कोरोना व कानून से दो-दो हाथ करने को तैयार मजदूर

    -नजफगढ़ थाने के पास उड़ी कोरोना नियमों की धज्जियां, पुलिस को भनक तक नही -सैंकड़ों मजदूर हुए इक्ट्ठा, कहा सरकार के भरोसे रहे तो कोरोना की बजाये भूख से मर जायेगा परिवार
    NM News Majdoor


    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-नजफगढ़ छावला स्टैंड पर कोरोना लाॅकडाउन की अवहेलाना कर बुधवार को चैक पर ईक्ट्ठा हुए सैंकड़ों मजदूर परिवार का पेट भरने के लिए कोरोना व कानून से भी दो-दो हाथ करने को तैयार है। हालांकि की मजदूरों की यह भीड़ नजफगढ़ थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर ईक्ट्ठा हुई जिसकी पुलिस को भनक तक नही लगी। वहीं मजदूरों का कहना हे कि यदि सरकार के भरोसे रहे तो कोरोना की बजाये परिवार भूख से पहले मर जायेगा।
                         नजफगढ में लाॅकडाउन को लेकर पुख्ता प्रबंधों का दावा कर रही पुलिस की उस समय पोल खुल गई जब बुधवार को सैंकड़ों मजदूरों ने ईक्ट्ठा होकर कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ाई और पुलिस को इसकी भनक तक नही लगी। जब मजदूरों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होने कहा कि क्या करें पहले ही पिछले एक साल से उनका काम नही चल रहा है और फिर दौबारा लाॅकडाउन लग गया तो क्ैसे बच्चों का पेट भर पायेंगे। चैक पर इक्ट्ठा हुए मजदूरों में चंदेसर, सुनील कुमार, रामदीन, सुशील, रीना देवी, कमलेश व हरिप्रकाश ने बताया कि अगर सरकार के भरोसे रहे तो कोरोना का तो पता नही लेकिन भूख से परिवार जरूर मर जायेगा। उन्होने बताया कि पिछले साल तो पुलिस व दूसरे लोगों ने खाना दे दिया था लेकिन इस बार तो ना पैसे है और ना काम तो कैसे बच्चों का पेट भर पायेगे। अब चाहे पुलिस उन्हे पकड़े या बंद करे लेकिन वो काम नही छोड़ सकते। जो भी मिलेगा जैसा भी मिलेगा वो परिवार की खातिर करेंगे। उन्होने कहा कि सरकार को लाॅकडाउन से पहले हमारे परिवारों के बोरे में सोचना चाहिए था। सरकार ऐलान तो बहुत कर रही है लेकिन खाना कहां मिल रहा है। लेकिन उन्होने कहा कि अगर सरकार खाने का प्रबंध कर दे तो वह भी अपने परिवार के साथ सुरक्षित घर में रह सकते हैं।
                          लाॅकडाउन के लगते ही एक बार फिर मजदूरों का पलायन शुरू हो गया और इस बार दिल की पुलिस भी कुछ नही कर पा रही हे। हालांकि पिछली बार नजफगढ़ पुलिस ने हर जरूरतमंद लोगों तक खाना व राशन पंहुचाने का काम किया था लेकिन इस बार मजदूर थाने की तरफ देखते जरूर है लेकिन फिर आकर चैक पर खड़े हो जाते है ताकि कोई काम मिल सके। मजदूरों का कहना है कि यह लाॅकडाउन आम आदमी की सुरक्षा के लिए नही बल्कि अब नेता इस बिमारी की चपेट में आने लगे है। अपनी जान के डर से यह लाॅकडाउन लगाया गया है। हालांकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मजदूरों से पलायन न करने व घरों में रहने की अपील की है और यह भी कहा कि सभी मजूदरों को घर बैठे सरकार 5-5 हजार की मदद देगी। लेकिन फिलहाल मजदूर भूखा मर रहे है और काम करने या घर जाने के अलावा उनके पास कोई चारा नही है।

    About Post Author

    Subscribe to get news in your inbox