नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- नजफगढ़ की अजयपार्क कालोने में बुधवार को रात 9 बजे के करीब तीन बदमाशों ने दिचाऊं कलां गांव के रहने वाले अमित शौकीन की सरेराह गोलिया बरसाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी कार से फरार हो गये। इस घटना से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई। लोगों की माने तो नजफगढ़ क्षेत्र अपराधियों का गढ़ बन चुका है और इस हत्या को नजफगढ़वासी गैंगवार की आहट के रूप में देख रहे हैं। हालांकि पुलिस इस धटना को गैंगवार बता रही है तो वही मृतक के परिजन इसे हत्या बता रहे है और गैंगवार से इंकार कर रहे है।
पुलिस के अनुसार मृतक बुधवार की शाम को नजफगढ़ की अजय पार्क कालोनी से घर जा रहा था। लेकिन बीच गली में हमलावरों ने उसकी गाड़ी को ओवरटेक कर उसे रोक लिया और तीन बदमाशों ने गोलियां बरसा कर उसकी हत्या कर दी। वारदात के समय मृतक के साथ उसके दो साथी और थे लेकिन वो हमले के समय जान बचाकर भाग गये। हमलावरों ने मृतक अमित शौकीन को 13 गोलियां मारी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वारदात के बाद हमलावर कार में भाग गये। जिसके बाद मृतक के दोनो दोस्त वापिस आये और उसे नजदीक के स्वास्तिक अस्पताल में लेकर गये जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल के प्रंबंधक ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पंहुचकर जांच आरंभ की और लोगों से पूछताछ की। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अमित शौकीन की हत्या गैंगवार में की गई है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी सरगर्मी से तलाश कर रही है।
यहां बता दें कि जनवरी में भी अमित पर उसके घर के सामने ही कातिलाना हमला हुआ था। जिसमें वह व उसकी एक साल की बच्ची घायल हो गये थे। हालांकि ईलाज के बाद अमित ठीक हो गया था। सूत्रों की माने तो अमित का उसके गांव वालों के साथ ही झगड़ा था। इस झगड़े की शुरूआत नजफगढ़ फर्नीचर मार्किट में उस समय शुरू हुई थी जब अमित ने फर्निचर मार्किट में इलैक्ट्रोनिक्स की दूकान खोली थी। हालांकि बाद में अमित ने यह दूकान छोड़कर दूसरी दूकान में अपना काम शुरू कर दिया था। लेकिन जनवरी में हुए हमले में यह तय हो गया था कि मामला अभी शांत नही हुआ है जिसके बाद अमित ने पुलिस से रिवाल्वर का लाईसेंस देने व सुरक्षा की मांग की थी। लेकिन आज तक न तो अमित को सुरक्षा दी गई और न ही उसे हथियार का लाईसेंस दिया गया। अमित के परिजनों का आरोप है कि पुलिस की लापरवाही के चलते अमित की हत्या हुई है। पुलिस अगर सही समय पर कार्यवाही करती तो आज अमित जिंदा होता और हमलावर जेल में होते। हालांकि जनवरी हमले में पुलिस ने 6 आरोपियों में से 4 को गिरफ्तार कर लिया बताया जा रहा है। वहीं परिजनों का आरोप है कि पुलिस इस मामले में कोई कार्यवाही नही कर रही है और न ही उनकी कोई बात सुन रही है जिसकारण आरोपियों के हौंसले इतने बुलन्द है कि उन्होने दौबारा हमला कर अमित को खत्म कर दिया।
मृतक के परिजनों ने नजफगढ़ थाने पर प्रदर्शन कर मांगा इंसाफ
बुधवार को अमित के परिजनों ने नजफगढ़ थानें के सामने फिरनी रोड़ पर धरना-प्रदर्शन् कर दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारे लगाये और अधिकारियों से आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही करने तथा उन्हे पकड़ने की मांग रखी। हालांकि धरना-प्रदर्शन करीब 3 धंटे तक चलता रहा। इस धरने की वजह से नजफगढ़ फिरनी पूरी तरह से जाम हो गई और फिरनी के साथ-साथ सभी मुख्यमार्गों पर वाहनों की 3 किलोमीटर लंबी लाईने लग गई। जब प्रदर्शनकारियों को मनाने के पुलिस के सारे प्रयास विफल हो गये तो पुलिस अधिकारी लोगों की परेशानी को देखते हुए हरकत में आये और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हलका बल प्रयोग कर उन्हे सड़क से हटाया। जिसके बाद नजफगढ़ फिरनी पर जाम खुला और लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि स्थानीय पुलिस व यातायात पुलिस के अधिकारियों की इस प्रदर्शन को खत्म कराने में अहम भूमिका रही। जिसपर स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की कार्यवाही का स्वागत किया। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस अपना काम कर रही है और प्रदर्शन के दौरान हो रही अव्यवस्था से पुलिस का समय ही नष्ट हो रहा था लेकिन अब पुलिस जल्द ही आरोपियों को पकड़ कर सलाखों के पीछे भेज देगी। स्थानीय लोगों व सामाजिक संगठनों ने एसीपी जितेन्द्र पटेल, निरिक्षक अजय कुमार व यातायात निरिक्षक नरपाल सिंह द्वारा इस मामले को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने की प्रशंसा की है।
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