नजफगढ़ के ग्रामीण अंचल की विरासत को प्रदर्शित करेगा ढांसा मेट्रो स्टेशन

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

September 2023
M T W T F S S
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
September 27, 2023

हर ख़बर पर हमारी पकड़

नजफगढ़ के ग्रामीण अंचल की विरासत को प्रदर्शित करेगा ढांसा मेट्रो स्टेशन

-ग्रामीणों के रहन-सहन, वेशभूषा, रीतिरिवाजों के साथ-साथ वनस्पतियों तथा जीव-जंतुओं की आकर्षक कलाकृतियां व फोटोग्राफ की गई है प्रदर्शित

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नजफगढ़/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- डीएमआरसी का नजफगढ़ का ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है ंअब किसी भी दिन इसके उद्घाटन की औपचारिक घोषणा की जा सकती है जिसके बाद नजफगढ़ देहात के साथ-साथ नजफगढ़ से लगते हरियाणा के सीमावर्ती जिले के लोगों को भी दिल्ली जाने के लिए काफी आसानी रहेगी। लेकिन इस स्टेशन को डीएमआरसी ने अलग अंदाज में तैयार किया है। डीएमआरसी ने इस स्टेशन को खास रूप देने के लिए नजफगढ़ के ग्रामीण अंचल की विरासत को कलाकृतियों व फोटोग्राफ्स के माध्यम से स्टेशन की दीवारों व कारीडोर को सुसज्जित किया है। इसमें ग्रामीणों के रहन-सहन, वेशभूषा, रीतिरिवाजों से लेकर वनस्पतियों तथा जीव-जंतुओं की आकर्षक कलाकृतियां व फोटोग्राफ प्रदर्शित किये गये है।
                    ग्रे लाइन के द्वारका-ढांसा बस स्टैंड क़रिडोर पर जल्द शुरु होने वाले ढांसा बस स्टैंड मेट्रो स्टेशन को आकर्षक कलाकृतियों तथा फोटोग्राफ से सुसज्जित किया गया है, जो राष्ट्रीय राजधानी के इस उपनगरीय इलाके की समृद्ध विरासत, संस्कृति और वनस्पति तथा जीव-जंतुओं को प्रदर्शित करते हैं। इन कलाकृतियों के प्रदर्शन का मकसद लोगों को अपनी विरासत से जोड़ने का है ताकि बाहर से आने वाले लोग नजफगढ़ की समृद्ध विरासत से रूबरू हो सकें। दक्षिणी-पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़-ढांसा क्षेत्र की सांस्कृतिक जड़े बहुत गहरी हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक तथ्यों को संजोए हुए है और पारिस्थितिकी विज्ञान के संदर्भ में देखें तो यह एक दलदली क्षेत्र है, जो बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों तथा वन्य जीवों को यहां आने के लिए उत्साहित करता है। प्रदर्शित कलाकृतियों तथा फोटोग्राफ में इस क्षेत्र के इन अनूठी विशेषताओं को शामिल करने का प्रयास किया गया है।
                       नजफगढ़ और ढांसा के बीच एक जल स्रोत के रूप में स्थित ‘झील’ बारहमासी स्थानीय वन्य-जीवों और प्रवासी पक्षियों के लिए पर्यावरणीय दृष्टि से स्वर्ग जैसी है। तोते, बाज, बत्तखें, चिड़ियां, किंगफिशर इस क्षेत्र से स्नेह करते हैं और सर्दियों के मौसम में पक्षियों को देखने वाले बड़े उत्साह से यहां आते हैं। स्टेशन पर लगाए गए शीशे के पैनलों पर प्रिंट किए गए फोटोग्राफ इस क्षेत्र की समृद्ध विविधता को दर्शाते हैं, जिनका विषय “प्रवासी पक्षी” रखा गया है।  
                       कृषि और पशु-पालन यहां के स्थानीय लोगों की आय के मुख्य स्रोत हैं, किंतु रियल-एस्टेट परियोजनाओं और विभिन्न इवेंट का आयोजन स्थल होने से यहां महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति हुई है। स्टेशन का रंग संयोजन मटियाला रखा गया है, जो ग्रामीण और शहरी मूल्यों के एकीकरण को सुस्पष्ट रूप में दिखाता है। हाथ से बनी एक कलाकृति में दिखाया गया है कि कुछ निवासी अपने सामाजिक मूल्यों और आने वाली जीवन-शैली के साथ एकसाथ आते दिख रहे हैं, जिसका शीर्षक “ग्रामीण-शहरी प्रगति के किनारे” रखा गया है। यह कलाकृति उस पुल के प्रतीक रूप को दर्शाती है जो भूतकाल तथा भविष्य को जोड़ने का काम करता है।
                      यहां आसपास के गांव कई प्राचीन पौराणिक गाथाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। ये गांव अपने ऐतिहासिक महत्व के संबंध में मेलों का आयोजन करते हैं। पौराणिक और दंतकथाओं ने इस क्षेत्र को एक अनूठी पहचान दी है। अतः, उनके समृद्ध स्वभाव और मान्यताओं के आयोजन से प्रेरित हाथ से बनी कुछ कलाकृतियों को “स्थानीय सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य” के रूप में पारिभाषित किया गया है। कुछ कलाकृतियों में मेलों के दृश्यों को दिखाया गया है, जबकि कुछ में केवल आयोजन की भावना अथवा स्थानीय डिजाइन और मूल भावों का पुट दिया गया है। यह कलाकृतियां स्टेशन पर आने-जाने वालों यात्रियों के लिए देखने लायक होंगी तथा इस स्थान के संबंध में रूचि जगाने में सफल होंगी। ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के उद्देश्य से कलाकृतियों को कलात्मक ढंग से तैयार किया गया है। इन कलाकृतियों को अनेक युवा आर्टिस्टों तथा फोटोग्राफरों से लेकर डीएमआरसी के आर्किटेक्चर विभाग द्वारा बड़ी कुशलता से तैयार कराया गया है।
                      डीएमआरसी ने स्टेशन की साज-सज्जा का प्रयास इसलिए किया है ताकि देश की समृद्ध विरासत और संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच के रूप में इसके परिसरों का इस्तेमाल किया जा सके। डीएमआरसी नेटवर्क के कई अन्य स्टेशनों को भी लुभावनी कलाकृतियों और प्रदर्शन योग्य सामग्री से सजाया गया है।
                    लगभग एक किलोमीटर लंबा नजफगढ़-ढांसा बस स्टैंड कॉरिडोर मेट्रो रेल संरक्षा आयुक्त से अनिवार्य अनुमोदन मिल जाने के बाद अब परिचालन के लिए तैयार है। कॉरिडोर खोले जाने की वास्तविक तारीख की जानकारी जल्दी ही दी जाएगी। इस एक्सटेंशन के खुलने से, दिल्ली मेट्रो नेटवर्क 286 मेट्रो स्टेशनों के साथ 390 किलोमीटर लंबा हो जाएगा।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox