मानसी शर्मा /- राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि किसान एक फिर फरवरी के महीने में आंदोलन कर सकते है। उन्होंने बताया कि स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि मोदी सरकार ने 5साल में कृषि बजट का 1लाख करोड़ रुपए से अधिक सरेंडर कर दिया है। यह पैसा सिर्फ कागजों में दिखाया गाया, लेकिन उसे खर्च नहीं किया गया। BJP सरकार में 2014-2022तक 1लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि क्या इन पैसों से किसानों को राहत देकर, किसानों की जान नहीं बचाई जा सकती थी? वहीं कांग्रेस सरकार में 72 हजार करोड़ रुपए से किसानों के कर्ज माफ हुए थे। देश में जितना कृषि बजट दिखाया जा रहा है, वो छल है- क्योंकि खर्च नहीं किया जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ देश के ओवरआल बजट के मुकाबले कृषि बजट में हर साल गिरावट हो रही है। उन्होंने कहा कि आंकड़ों की बात करें तो साल 2013-14 के मुकाबले किसानों पर 2018-19 में 60% ज्यादा कर्ज था। इसके अलावा, MSP की मांग को भी पूरा किया जा सकता था, जिसे लेकर किसानों ने आंदोलन भी किया था।
किसान के साथ बड़ा छल था- दीपेंद्र हुड्डा
राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि श के 80% किसानों को गेंहू और 76% किसानों को धान पर MSP नहीं मिलती है। UPA की सरकार में गेहूं की MSP 119% बढ़ाई गई थी। जबकि मौजूदा BJP सरकार ने गेहूं की MSP में सिर्फ 47% की बढ़ोतरी की। UPA की सरकार ने धान की MSP में 134% की वृद्धि की थी, जबकि BJP सरकार ने मात्र 50% की बढ़ोतरी की। जहां UPA की सरकार में MSP की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई, कर्जा माफी हुआ; वहीं BJP की सरकार में ना MSP बढ़ी, ना कर्ज माफ हुआ। “किसान की आय दोगुनी होगी”- ये भी किसान के साथ बड़ा छल था।
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