नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली हाईकोर्ट ने एम्स सुरक्षा कर्मियों से मारपीट के मामले में बुधवार को आम आदमी पार्टी के विधायक सोमनाथ भारती को बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी और ट्रायल कोर्ट के उस आदेश पर भी रोक लगा दी, जिसमें एम्स सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था।
जानकारी के अनुसार, आप विधायक सोमनाथ भारती ने एम्स के सुरक्षा स्टाफ पर हमले के मामले में खुद को दोषी ठहराए जाने और दो साल कैद की सजा सुनाए जाने के निचली अदालत के आदेश को बुधवार को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। भारती को मंगलवार को फैसला सुनाए जाने के बाद हिरासत में लेकर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था।
हाईकोर्ट में दायर अपनी अपील में उन्होंने निचली अदालत के फैसले को दरकिनार किए जाने और याचिका लंबित रहने के दौरान सजा को निलंबित किए जाने का आग्रह किया था। उन्होंने मामले में अपनी दोषिसिद्धि पर स्थगन भी मांगा था। अभियोजन के अनुसार, नौ सितंबर 2016 को भारती और लगभग 300 अन्य लोगों ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की एक दीवार की बाड़ को एक जेसीबी ऑपरेटर की मदद से गिरा दिया था और सुरक्षा स्टाफ पर हमला किया था। इस मामले में गत जनवरी में एक मजिस्ट्रेट ने उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई थी। इस सजा को मंगलवार को एक विशेष न्यायाधीश ने भी बरकरार रखा था। भारती ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में दावा किया कि विशेष न्यायाधीश ने उन्हें गलत तरीके से दोषी ठहराया और सजा सुनाई। उन्होंने कहा कि मामले में कोई सबूत नहीं है और निचली अदालत का फैसला अभियोजन द्वारा गढ़ी गई पूरी तरह झूठी एवं मनगढ़ंत कहानी पर आधारित है। भारती ने अपनी याचिका में कहा कि मजिस्ट्रेट अदालत और यहां तक कि सत्र अदालत भी यह महसूस करने में विफल रही कि वह मौजूदा और तीसरी बार विधायक हैं तथा समाज में उनकी अच्छी प्रतिष्ठा है और वह अपना पूरा समय समाज सेवा में लगाते हैं। उन्होंने कहा कि मामला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है।
-एम्स सुरक्षा कर्मियों के साथ मारपीट और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में ठहराया गया था दोषी
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