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  • दिल्ली पलूशन: बारिश ने की थी जो हवा की धुलाई, पटाखे चलाकर हमने एक दिन में गंवाई, दिल्ली में पाबंदियों पर बड़ा फैसला, हाथ सेंकना भी बैन

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    दिल्ली पलूशन: बारिश ने की थी जो हवा की धुलाई, पटाखे चलाकर हमने एक दिन में गंवाई, दिल्ली में पाबंदियों पर बड़ा फैसला, हाथ सेंकना भी बैन

    मानसी शर्मा/- दिल्ली में बारिश की वजह से घटा पलूशन दिवाली के बाद एक बार फिर बढ़ गया है। इस वजह से दिल्लीवासियों को अगले आदेश तक ग्रैप-4 की पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को सचिवालय में समीक्षा बैठक के बाद बताया कि दिल्ली में पाबंदियां अभी जारी रहेंगी। इसके अलावा एंडी डस्ट कैंपेन को 15 दिन के लिए बढ़ाने और हाथ सेंकने के लिए लकड़ी जलाने पर भी रोक लगाई गई है।

    गोपाल राय ने कहा कि सीएक्यूएम की अगली बैठक तक दिल्ली में ग्रैप के स्टेज-4 की पाबंदियां जारी रहेंगी। उन्होंने कहा, ‘बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल की गाड़ियों पर पाबंदी रहेगी। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति वाले ट्रकों को छोड़कर अन्य पर पाबंदी रहेगी। सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रको को प्रतिबंध से छूट दी गई है।’

    गोपाल राय ने कहा, ‘दिल्ली में सभी तरह के कंस्ट्रक्शन पर भी प्रतिबंध जारी रखने का फैसला लिया गया है। 18 तक स्कूल बंद रखने का फैसला भी जारी रहेगा। 13 हॉट स्पॉट पर मॉनिटरिंग को सख्त किया जाएगा। एंडी डस्ट कैंपेन को 15 दिनों के लिए बढ़ाते हुए 30 नवंबर तक जारी रखा जाएगा।’ उन्होंने कहा कि एंटी ओपन बर्निंग (हाथ सेंकने के लिए लकड़ी जलाने पर) एक महीने के लिए रोक रहेगी। इसके लिए 611 टीमों की ड्यूटी लगाया जा रहा है। उन्होंने दिल्ली की जनता से ‘ग्रीन दिल्ली ऐप’ डाउनलोड करने की अपील करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधि दिखने पर वॉर रूम को सूचित करें।

    गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 215-20 तक पहुंच गया था। लेकिन रात में जिस तरह टारगेटेड तरीके से दिल्ली, यूपी और हरियाणा में पटाखे जलाने की घटनाएं हुईं उससे प्रदूषण का स्तर बढ़ गया। उन्होंने आतिशबाजी के लिए यूपी और हरियाणा की सरकार को भी जिम्मेदार बताया। गोपाल राय ने कहा, ‘दिल्ली में पटाखों के निर्माण, भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध था लेकिन पटाखे जले जो उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए। उत्तर प्रदेश और हरियाणा में अगर सख्ती से प्रतिबंध होता तो वहां भी लोगों को पटाखे नहीं मिलते। उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली पुलिस की निगरानी के बीच से एक आम आदमी पटाखों को एक राज्य से दूसरे राज्य में सप्लाई नहीं कर सकता है। तीनों राज्यों में भाजपा के नियंत्रण वाली पुलिस व्यवस्था है। अगर वह सक्रियता से काम करते तो रातों रात प्रदूषण में 100 अंकों की बढ़ोतरी से हम बच सकते थे।’

    दिल्ली में दीवाली पर कुछ सालों का प्रदूषण का हाल

    साल        दिवाली के एक दिन पहले        दिवाली के दिन                अगले दिन

    2018 338                                        281                                390

    2019 287                                        337                                368

    2020 339                                        414                                435

    2021 314                                        382                                462

    2022 259                                        312                                303

    2023 224                                        202                                283

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