दिल्ली को विश्वस्तरीय राजधानी बनाने की योजना तैयार, डीडीए ने जारी किया मास्टर प्लान-2041

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 7, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

दिल्ली को विश्वस्तरीय राजधानी बनाने की योजना तैयार, डीडीए ने जारी किया मास्टर प्लान-2041

-अगले बीस साल के विकास से जुड़ी योजनाओं का डीडीए ने किया खाका पेश, आम लोगों से मांगे सुझाव,

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली को वैश्चिक राजधानी से कदमताल करवाने वाला मास्टर प्लान-2041 का ड्राफ्ट दिल्लीवालों के बीच आ पहुंचा है। दिल्ली विकास प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड मास्टर प्लान में दिल्ली के लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से संशोधन का प्रस्ताव भी रख सकते हैं। इसके लिए लोगों को 45 दिन का वक्त भी दिया गया है। दिलचस्प यह कि टेक्निक फ्रेंडली न होने की सूरत में ऑफ लाइन सुझाव भी दिया जा सकता है। इसके लिए किसी भी कार्य दिवस में सुबह 10 बजे से शाम 5.30 तक डीडीए मुख्यालय पर जाना होगा। मुख्यालय की 13वीं मंजिल पर स्थित हेल्प डेस्क नंबर 9310829891 एवं 011-23370326 पर संपर्क कर सुझाव दे सकता है।
                      दरअसल, मास्टर प्लान -2021 इस साल 31 दिसंबर में अपना समय पूरा कर रहा है। इसे देखते हुए डीडीए ने अगले बीस साल के विकास का खाया तैयार किया है। डीडीए की कोशिश आम लोगों को सहूलियत देने के साथ दिल्ली को वैश्विक राजधानियों की कतार में खड़ा करने का है। इसके लिए पर्यावरण बेहतर करने के साथ अत्याधुनिक परिवहन व्यवस्था का जाल बिछाने का प्रावधान तैयार किया गया है। वहीं, इसमें ट्रांजिल ओरिएंटेड डवलपमेंट (टीओडी), लैंड पूलिंग सरीखी अहम योजनाओं को भी शामिल किया गया है। डीडीए अधिकारियों का मानना है कि इसके सहारे दिल्ली के विकास को गति मिलेगी। टीओडी से दिल्ली की सड़कों पर वाहनों का बोझ कम होगा। दूसरी तरफ मास्टर प्लान में दिल्ली को एजूकेशनल हब बनाने पर जोर दिया गया है। इसके लिए नरेला में तैयारी भी शुरू हो गयी है। जमीन की कमी को देखते हुए लंबवत विस्तार पर जोर है। डीडीए के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति प्राधिकरण की वेबसाइट    पर जाकर सुझाव दे सकता है। इसके साथ ही आयुक्त एवं सचिव को पत्र भेजा जा सकता है।
                         डीडीए ने सार्वजनिक सूचना के जरिए दिल्ली ने लोगों को जानकारी दी है, जिससे अधिक लोग अपने सुझाव दे सकें। अधिकारियों का कहना कि पहली बार मास्टर प्लान के ड्राफ्ट की भाषा को काफी सरल रखने की कोशिश की गयी है। जिससे लोगों को आसानी से समझ आ सके। केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद डीडीए ने बुधवार को उस पर जनता की आपत्ति व सुझाव मांगा गया है। इसके लिए जनता को 45 दिन का समय दिया है। अधिकारियों की मानें तो बेहतर सुझावों को मास्टर प्लान में समायोजित किया जा सकता है।
                         मास्टर प्लान के ड्राफ्ट को दो खंडों व 22 अध्यायों में बांटा गया है। खंड एक में 2041 का दृष्टिकोण व नीतिगत मामले शामिल हैं। इसमें लक्ष्य और उद्देश्य के साथ पर्यावरण, अर्थव्यवस्था परिवहन और गतिशीलता, धरोहर, संस्कृति और सार्वजनिक स्थलों, आवास और सामाजिक ढांचे और भौतिक अवसंरचना से जुड़ अहम मसले शामिल किए गए हैं।

तीन समिति करेगी निगरानी
मास्टर प्लान को कार्यान्वयन करने के लिए तीन निगरानी समितियां बनाई जाएगी। ये समितिया प्रतिवर्ष प्रगति रिपोर्ट तैयार करेगी। डीडीए पर्यावरणीय स्थिरता समिति, निर्मित पर्यावरण समिति और जीवन शक्ति समिति का गठन करेगा। इन समिति की रिपोर्ट पर उपराज्यपाल की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त शीर्ष समीक्षा समिति निर्देश देगी।

ड्राफ्ट की मुख्य बातें…
उपयोग परिसरों और गतिविधियों, उपयोग में लचीलापन, पार्किंग मिश्रित करने से संबंधित विकास नियंत्रण मानदंडों को सरलीकृत किया गया है भावी विकास और लोगों की जरूरतोंको पूरा करने के लिए छूट प्रदान  की गई है।
एक्टिव ध्पैसिव मनोरंजन और आनंद के लिए अच्छेस्तर के ग्रीन ब्लू क्षेत्रों का प्रावधान।
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सहने और प्रदूषण की समस्याओं से निपटने के लिए दिल्ली को और अधिक तैयार करना।
गैर स्वामित्ववालेध् किराए और छोटे आकार के आवास ( विशेष रूप से मास ट्रांजिट के निकट)पर फोकस व नए प्रकार के आवासों जैसे कि सर्विस अपार्टमेंट,कंडोमीनियम्स, हॉस्टल, छात्रोंके लिए आवास, कामगारों के लिए आवास को प्रोत्साहन देना।
कार्य स्थलोंऔर निवास स्थानों को मास ट्रांजिट के निकट लाने के लिए टीओडी आधारित परियोजनाओं केमाध्यम से सुगठित और सतत विकास।
सुनियोजितपुनरू विकास को प्रोत्साहन देकर पुराने और जीर्ण-क्षीण क्षेत्रों में पुनरूसुधारकरना, भीड़-भाड़ को कम करना और क्षेत्रोंको रिट्रोफिट करना, क्षेत्रीय स्तर की सुरक्षा और आपदा प्रतिरोधकताको बढ़ाना और सामाजिक अवसंरचना की उपलब्धता को बढ़ाना।
मौजूदा क्षेत्रों,विशेष रूप से शहरी गांवों और अनधिकृत कॉलोनियों जैसे घने क्षेत्रों मेंसामाजिक बुनियादी ढांचे में सुधार ।
लोगों की जरूरतों को पूरा करनेवाली नवीन लेआउट बनाने के लिए एफएआर लोडिंग और वर्टिकल मिश्रण उपयोग मेंलचीलापन।
कम एफएआर और विस्तृत हरितक्षेत्रों वाले एरिया में विशेष हरित आर्थिक उपयोगों की शुरूआत,जिससे शहर के लिए एक अच्छा पर्यावरण प्रदान किया जा सकता है।
चिन्हित किए गए विरासत और सांस्कृतिकपरिसर के भीतर- संरक्षण और पुनर्विकास के लिए विशेष प्रावधान सांस्कृतिक पूंजीके संवर्धन पर केंद्रित हैं।
उपयोगकर्ताओं की सुविधा और सुरक्षासुनिश्चित करने के लिए सक्रिय फ्रंटेज, चलने योग्य ब्लॉक-लेंथ,चैबीसों घंटे गतिविधि आदि जैसे शहरी डिजाइन आइडिया को मुख्यधारा में लाना।
उपयोग परिसर और गतिविधियों से संबंधितमानदंडों का सरलीकरण, एफएआर उपयोग, पार्किंग आवश्यकताओं, उपयोगों के मिश्रण आदि मेंलचीलापन।
बागवानी,सिंचाई आदि के लिए उपचारित अपशिष्ट जल के पुनरू उपयोग को बढ़ावा देने के लिए, दोहरी पाइपिंग प्रणालीका अनिवार्य प्रावधान, प्रोत्साहन विकास के हिस्से के रूप मेंग्रीन क्रेडिट, उपलब्ध जल आपूर्ति का उचित उपयोग कर जल संसाधनोंपर अतिरिक्त भार को कम करने के लिए भौतिक बुनियादी ढांचे का विस्तार।
पारिस्थितिक विरासत(यमुना रिवरफ्रंट विकास, जैव विविधता पार्क)के संरक्षण और संवर्धन पर ध्यान देने के साथ पर्यावरण में सुधारलाने के लिए वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिएअत्यंत सख्त नियम अपनाना और नए हरित उद्योग के विकास को प्रोत्साहित करना।
विस्तृत उत्तरदायित्व वाले तंत्र सेजुड़ी मजबूत कार्य योजना, स्पष्ट केपीआई के माध्यम से इस योजना की निगरानी की जाएगी और गतिशील योजना सुनिश्चितकरने के लिए यह कार्यप्रणाली में सुधार के लिए उत्तरदायी होगी।
लोगों की जरूरतों को पूरा करने केलिए परिसरों के उपयोग और गतिविधियों से संबंधित मानदंड, एफएआर उपयोग में लचीलापन, पार्किंग आवश्यकताओं,उपयोगों के मिश्रण, आदि  को सरल बनाया गया है और भविष्य के विकास को सुगमबनाने के लिए नियमों में लचीलापन लाया गया है।

स्वच्छ अर्थव्यवस्था के विकास पर भी फोकस
मास्टर प्लान में रात के समय भी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, कनॉट प्लेस सहित सभी कमर्शियल केंद्र को पुनर्जीवित करना आदि पर भी ध्यान देने का निर्णय लिया गया है। वहीं प्रदूषण के संबंध में भी बढ़ती चिंताओं को देखते हुए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), आईटी-सक्षम सेवाओं, ज्ञान-आधारित और उच्च तकनीक उद्योगों, उद्यमशीलता गतिविधियों, रियल्टी बाजार, पर्यटन, आतिथ्य, तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल और उच्च शिक्षा जैसी स्वच्छ अर्थव्यवस्थाओं की ओर बदलाव की परिकल्पना ड्राफ्ट के तहत की गई है।
                       ड्राफ्ट में 24 घंटे के शहर की अवधारणा को मॉडल दुकानें और प्रतिष्ठान अधिनियम, 2015 के साथ-साथ रात की अर्थव्यवस्था (एनटीई) नीति के माध्यम से बढ़ावा दिया जायगा। मास्टर प्लान में पर्यटकों और स्थानीय लोगों को आकर्षित करने के लिए रात में लगातार काम, सांस्कृतिक गतिविधि और मनोरंजन के लिए शहर में नोड्स और सर्किट की पहचान करने का कार्य करने और रात में कार्य जीवन को बढ़ावा देने के साथ साथ कार्य स्थलों के उपयोग और शहर में सुरक्षा का विस्तार करके आर्थिक उपज में सुधार लाने का कार्य किया जाएगा।
                        दिल्ली के कनॉट प्लेस, करोल बाग ने कमर्शियल क्षेत्रों ने ऐतिहासिक रूप से केंद्रीय व्यापारिक जिले की भूमिका निभाई है और कमर्शियल, कार्यालयों, व्यवसायों और सामाजिक-सांस्कृतिक सुविधाओं की उच्च सांद्रता बनी हुई है। हैरिटेज भवनों और सार्वजनिक क्षेत्र के उन्नयन के लिए एक एकीकृत सुधार योजना तैयार की जाएगी। शहर में सरकारी कार्यालयों और संस्थानों के केंद्र, जैसे इंद्रप्रस्थ एस्टेट में यातायात की भीड़ और पार्किंग को एक व्यापक सुधार योजना की जाएगी। प्रगति मैदान के एमआईसीई (बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन, प्रदर्शनी) हब के रूप में उभरने की उम्मीद है। क्षेत्र में अस्थायी आवास, आतिथ्य, पार्किंग और सार्वजनिक स्थानों के लिए पर्याप्त प्रावधान सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
                        शाहजहानाबाद दिल्ली में एक हैरिटेज क्षेत्र है जिसमें बड़ी संख्या में पुरानी इमारतें हैं। ‘‘थोक गतिविधियों को स्थानांतरित किया जाएगा और क्षेत्र में सांस्कृतिक, खुदरा गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा। वॉल सिटी के बाहर के क्षेत्रों में पहाड़गंज, सदर बाजार, आजाद मार्केट, बड़ा हिंदू राव के लिए एक पुनर्जनन योजना तैयार की जाएगी। योजना के तहत पारंपरिक बाजारों या सांस्कृतिक मूल्य के अन्य क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और उन्हें संरक्षित किया जाएगा। पुराने शहर के भीतर सभी भंडारण गतिविधियों और थोक भंडारण को 10 साल की अवधि के भीतर औद्योगिक क्षेत्रों या थोक बाजारों में स्थानांतरित किया जाएगा।
                         स्थानीय व्यवसायों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वेयरहाउसिंग और होटलों की अनुमति देते हुए पुराने शहर जैसे सदर बाजार के निकट के क्षेत्रों के पुनर्जनन का भी प्रावधान किया जा रहा है। बीपीडी का न्यूनतम नियोजन क्षेत्र 10 हेक्टेयर होगा। हरित विकास क्षेत्र (जीडीए) को भी हरित अर्थव्यवस्था के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox