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    दिल्ली-एनसीआर में धूल प्रदूषण का कहर : सांस लेना हुआ मुश्किल, स्वास्थ्य पर मंडराया खतरा

    नई दिल्ली/अनीशा चौहान/- देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर में धूल प्रदूषण ने एक बार फिर लोगों की सांसें अटका दी हैं। बीती रात चली धूल भरी तेज हवाओं ने दिल्ली की हवा को जहरीला बना दिया, जिसके चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 के पार पहुँचकर ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज हुआ। कई निगरानी स्टेशनों ने पीएम10 और पीएम2.5 जैसे सूक्ष्म कणों की मात्रा सामान्य से 20 गुना अधिक होने की संभावना जताई है, जिससे स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा बढ़ गया है।

    धूल भरी हवाओं के पीछे का कारण
    भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, बुधवार रात 10 बजे से 11:30 बजे के बीच दिल्ली के पालम क्षेत्र में 30-40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से धूल भरी हवाएं चलीं। इन हवाओं ने दृश्यता (विजिबिलिटी) को 4500 मीटर से घटाकर मात्र 1200 मीटर तक ला दिया। हवाओं में तैरते धूल के कणों ने हवा को और अधिक प्रदूषित कर दिया। शुष्क मौसम, आसपास के निर्माण कार्य और खुले में उड़ती धूल भी इस प्रदूषण को बढ़ाने में जिम्मेदार रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषक कण वातावरण में ही ठहरे रह गए, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।

    स्वास्थ्य पर बढ़ता खतरा
    धूल प्रदूषण के कारण सांस से जुड़ी बीमारियों जैसे अस्थमा, ब्रॉन्काइटिस और एलर्जी के मामलों में तेजी आने की आशंका है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि लोग बाहर निकलते समय N95 मास्क का उपयोग करें और धूल भरे क्षेत्रों में जाने से बचें। बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, पीएम10 का स्तर कई इलाकों में 300 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (µg/m³) से अधिक दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से कई गुना ज्यादा है। यह प्रदूषण स्तर 6-7 सिगरेट पीने के बराबर नुकसानदेह माना जा रहा है।

    राहत की उम्मीद
    मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में हल्की बारिश की संभावना जताई है, जो धूल को नीचे बैठने में सहायक हो सकती है। दिल्ली सरकार ने भी सड़कों पर एंटी-स्मॉग गन और पानी के छिड़काव के निर्देश जारी किए हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए ड्रोन और रीयल-टाइम डेटा संग्रह तकनीक पर काम कर रही है। तब तक नागरिकों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक बाहरी गतिविधियों से बचें, घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और पर्यावरण सुधार के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाएं।

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