नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/द्वारका/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- दिल्ली एनसीआर की सीमा को तय करने के लिए मंगलवार को हुई प्लानिंग बोर्ड की बैठक में एनसीआर का क्षेत्र तय कर लिया गया है। सभी राज्यों को इस में समान अवसर देने का ऐनान किया गया लेकिन नए नियम के चलते हरियाणा और राजस्थान का इलाका कम हो जाएगा हालांकि यूपी पर इसका खास असर नही पड़ेगा।
अभी तक एनसीआर की सीमा 55000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा थी। वहीं अब यह घटकर 37115 वर्क किलोमीटर रह जाएगी। मंगलवार को हुई बैठक में तय किया गया है कि एनसीआर की सीमा राजघाट से 100 किलोमीटर चारो तरफ रहेगी। उत्तर प्रदेश सब रीजन पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ रहा है। यूपी की 2 तहसीलों पर इसका असर पड़ सकता है मुजफ्फरनगर की जानसठ तहसील और बुलंदशहर की शिकारपुर तहसील एनसीआर से बाहर हो सकती है। इसके 8 जिले एनसीआर में शामिल है। .सभी जनपद अब भी इसका हिस्सा रहेंगे. मुजफ्फरनगर की जानसठ और बुलंदशहर की शिकारपुर तहसील 100 किलोमीटर के दायरे से बाहर है. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार इन्हें भी एनसीआर में शामिल कराने के पक्ष में है।
हरियाणा लगातार सीमा कम करने की मांग कर रहा था। नई योजना का असर सबसे ज्यादा हरियाणा पर पड़ेग। हरियाणा लगातार एनसीआर की सीमा तय करने की मांग कर रहा था। दरअसल हरियाणा के 13 जिले एनसीआर का हिस्सा है। इसके चलते प्रदूषण बढ़ने पर यहां एनसीआर के नियम लागू होते हैं। पराली जलाने से लेकर गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन खत्म करने की समस्या सबसे ज्यादा हरियाणा में हो रही थी। .इसके चलते हरियाणा लगातार एनसीआर का हिस्सा कम करने की मांग कर रहा था।
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2041 में सभी जिला मुख्यालयों पर यूएवी ड्रोन और हेलीकॉप्टर के लिए लांच पार्किंग और हेलीपैड की व्यवस्था करने को कहा गया है। इसके लिए 2026 की समय सीमा तय की गई है। बदलते दौर में दिल्ली एनसीआर की चुनौती भी बदल रही है। मास्टर प्लान में प्रावधान किया गया है कि एयर पुलिसिंग ई-कॉमर्स और हवाई सबके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए। आने वाले समय में यूएवी ड्रोन बड़ी संख्या में इस इलाके में इस्तेमाल हो सकते हैं। इनका उपयोग व्यवसायिक गतिविधियों के साथ-साथ पुलिसिंग में भी किया जाएगा। दिल्ली में हुए दंगों के दौरान दिल्ली पुलिस ने ड्रोन का इस्तेमाल किया था। बड़ी भीड़ एकत्र होने पर बी पुलिस ड्रोन की सहायता लेने लगी है। उधर विकास संबंधी नई परियोजना बनाने में भी हवाई सर्वे की भूमिका बढ़ गई है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के मास्टर प्लान 2041 मैं सभी जिला मुख्यालयों पर यूएवी ड्रोन के लिए लॉन्चिंग और पार्किंग की व्यवस्था बनाने को कहा गया है।
करनाल जींद कैथल जैसे जिले एनसीआर की सीमा से बाहर हो सकते हैं। इसके अलावा भिवानी का कुछ हिस्सा भी एनसीआर की सीमा से बाहर हो सकता है। बैठक में तय किया गया है कि वर्तमान एनसीआर की सीमा में शामिल बड़े शहरों को नए मास्टर प्लान में भी शामिल किया जाए। भले ही वह 100 किलोमीटर के दायरे से बाहर है। इसके चलते राजस्थान के अलवर को एनसीआर में जगह मिल सकती है। सभी राज्यों को कहा गया है कि वह 100 किलोमीटर की सीमा के हिसाब से मास्टर प्लान के बाद अपने सभी रीजन प्लान तैयार करेंगे।
1ः नए नियम में क्या बदलाव होने जा रहे हैं 100 किलोमीटर राजघाट से एनसीआर की सीमा तय करने के निर्देश
2. 55000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा अभी तक एनसीआर की सीमा है
3 .3711 5 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र रह जाएगा घटकर एनसीआर का आने वाले समय में
4. यह जिले बाहर हो सकते हैं हरियाणा के करनाल जींद रैली व भिवानी के कुछ हिससे.
क्या खास यूपी की मांग है कि मुजफ्फरनगर की जानसठ और बुलंदशहर की शिकारपुर तहसील भी एनसीआर में शामिल हो जाए.। दिल्ली का पूरा हिस्सा एनसीआर में शामिल। 08 जिले उत्तर प्रदेश के शामिल हैं, 13 जिले हरियाणा के शामिल है, अभी एनसीआर में राजस्थान के 2 जिले अलवर और भरतपुर शामिल हैं।
दिल्ली के आसपास रहने वालों से भी सुझाव मांगे
दिल्ली विकास प्राधिकरण डीडीए द्वारा तैयार किया गया मास्टर प्लान 2031 को अब दिल्ली समेत एनसीआर के हिसाब से तैयार और लागू किया जाएगा। दिल्ली के मास्टर प्लान को लागू करने की तारीख को दिसंबर 2021 से बढ़ाकर मार्च 2022 कर दिया गया है। मास्टर प्लान के लिए बीते दिनों मिला आपत्ति और सुझावों के आधार पर डीडीए की ओर से एक और जन सुझाव का आयोजन 14 अक्टूबर को किया जा रहा है। यह जन सुनवाई पूर्णतः ऑनलाइन होगी। मास्टर प्लान के तहत अब एनसीआर के लोगों के भी आपत्ति और सुझाव मांगे गए हैं।
हाल ही में एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में दिल्ली के मास्टर प्लान को लेकर चर्चा की गई थी। इसमें यह निर्णय लिया गया है कि मास्टर प्लान ड्राफ्ट 2041 में आवश्यक परिवर्तन करने के बाद इसे 30 दिनों के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा जाना चाहिए ताकि कानून के तहत सभी हिट धारकों के सुझाव एवं आपत्तियां शामिल की जा सके। टिप्पणियों एवं प्रतिक्रियाओं पर विचार करने के लिए प्रक्रिया के अनुसार आवश्यक परिवर्तन करने के बाद बोर्ड के अनुमोदन से मास्टर प्लान 2041 को मार्च 2022 तक नोटिफाइड कर दिया जाएगा.। गौरतलब है दिल्ली के मास्टर प्लान 2041 के लिए डीडीए को लगभग 12000 से अधिक आपत्ती और सुझाव मिले हैं जिन लोगों के आपत्ति और सुझाव को डीडीए के अधिकारियों की ओर से महत्वपूर्ण समझा गया है। इन्हें जन सुझाव में शामिल होने के लिए ऑनलाइन लिंक शेयर किया गया है।
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