
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- हाईकोर्ट की फटकार के बाद आखिर ट्विटर देश के नियमों के आगे थोड़ा झुका है। जिसके तहत देश में ट्विटर ने विनय प्रकाश को अपना रेजिडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर नियुक्त किया और विभिन्न मामलों में ट्विटर खातों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक मासिक रिपोर्ट भी रखी है। हालांकि अभी भी ट्विटर को देश के नए आईटी नियमो के तहत दो अन्य अधिकारियों की नियुक्ति करनी है जो नहीं की है।
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर अब धीरे-धीरे रास्ते पर आ रहा दिखाई दे रहा है. देश के नियमों के तहत उसने रेज़िडेंट ग्रिवेस ऑफ़िसर की नियुक्ति की है। ट्विटर ने विनय प्रकाश को अपना रेजिडेंट ग्रीवेंस ऑफिसर नियुक्त किया और विभिन्न मामलों में ट्विटर खातों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर एक मासिक रिपोर्ट भी रखी है लेकिन ट्विटर ने अभी भी देश के नए आईटी नियमो के तहत दो अन्य अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की है।
भारत में नए आईटी नियमों का अनुपालन करने में विफल रहने की वजह से ट्विटर लगातार विवादों के घेरे में थी। नए आईटी नियमों के तहत 50 लाख से अधिक यूजर्स वाली सोशल मीडिया कंपनियों को तीन महत्वपूर्ण नियुक्तियां, मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करने की जरूरत है। ये तीन अधिकारी भारत के निवासी होने चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को कंपनी ने कहा था नए आईटी नियमों के तहत शिकायत अधिकारी रेजीडेंस ग्रीवेंस ऑफिसर की नियुक्ति प्रक्रिया में है और 11 जुलाई को या उससे पहले ऐसा करने की उम्मीद करते है. ट्विटर का दावा है कि उसने 5,877 सूचना अनुरोध का निस्तारण किया है. कुल 86314 वैश्विक अनुरोधों में से 7 फीसदी सूचना अनुरोध भारत से प्राप्त हुए हैं जिनमें से 4,782 नियमित, 615 आपातकाल, 480 उपरोक्त दोनो प्रकार के अनुरोध हैं।
ट्विटर ने ये भी दावा किया है कि उसे ट्विटर हेंडल या ट्वीट हटाने के भारत से कुल 5,464 अनुरोध मिले जो कुल वैश्विक कानूनी मांगों का 3 फीसदी ह। कुल वैश्विक अनुरोध 143,165 हैं। भारत की ओर से अन्य कानूनी अनुरोध 5412 हैं। इसके बाद ट्वीटर ने 238 हैंडल को फ़िलहाल बंद किया है जबकि 2759 ट्वीट को फ़िलहाल रोक गया है।. जबकि ट्विटर ने अपनी कंप्लायंस रिपोर्ट में दावा किया है कि 3649 ऐसे मामले हैं जिनमें या तो ट्वीट हेंडल को निलम्बित किया गया है या फिर ट्वीट की सामग्री को हटाया गया है। ट्विटर ने अपनी वेब्साईट पर कंप्लायंस रिपोर्ट में दावा किया है कि उसका वर्ष जनवरी 2012 से जून 2020 के बीच कंप्लायंस दर 7.8 फीसदी है जो कि बेहद कम मानी जा रही है।
इस सबके बावजूद ट्विटर को मिली इम्यूनिटी बहाल नहीं हुई है। जब तक ट्विटर भारत के सभी आईटी नियमों का पालन करना शुरू नहीं करता है। उसके खिलाफ मुकदमे, हर्जाने के दावे किए जा सकते हैं।
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