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    टी बी रोग का देश से साल 2025 तक सफाया

    टी बी रोग का देश से साल 2025 तक सफाया करने की राष्ट्रीय योजना पर विचार विमर्श किया गया

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/गुरूग्राम/नई दिल्ली/प्रदीप यादव/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- टी बी रोग का देश से सन् 2025 तक सफाया करने की राष्ट्रीय योजना पर गुरूग्राम जिला में विचार विमर्श किया गया। इसके लिए बैठक लघुसचिवालय के प्रथम तल पर स्थित सभागार में आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त डा. यश गर्ग ने की।लघु सचिवालय के सभागार में टी बी कोमोरबिडिटी तथा जिला समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि कोमोरबिडिटी अर्थात् अन्य गंभीर बिमारियों का ईलाज किए बगैर टी बी का उन्मूलन करना कठिन है। उदाहरण के तौर पर यदि किसी मरीज को डायबिटिज अर्थात् शुगर की बीमारी है तो पहले उसका शुगर का ईलाज करें, उसके बाद ही टी बी का ईलाज शुरू करें। उन्होंने कहा कि हर अस्पताल अपने सभी विभागों से पूछे कि उनके यहां कोई टी बी का मरीज तो नहीं आया। यदि आया हो तो उसका डाटा शेयर करें। उन्हांेने कहा कि सभी सरकारी तथा निजी अस्पताल अपने सभी विभागों से टी बी मरीजों का डाटा लेकर उसे सिविल सर्जन कार्यालय के साथ सांझा करें। अभी केवल क्षय रोग विभाग से ही डाटा लिया जा रहा है, जबकि सभी विभागों से डाटा लिया जाना चाहिए।
    इस मौके पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. विनीत ने बताया कि गुरूग्राम के अस्पतालों में अब तक आए टी बी के मरीजों में 500 से ज्यादा मरीज डायबेटिक हैं। उनका पहले डायबिटिज का ईलाज करने के बाद भी टीबी का ईलाज किया जाना चाहिए। इसी प्रकार तंबाकू सेवन के सभी मरीजों, जिनमें टीबी के लक्षण दिखाई देते हैं, की भी टी बी टेस्टिंग सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं में भी टी बी के लक्षण दिखाई दें तो उसके बारे में रिपोर्ट करें। उन्होंने बताया कि इनफ्रटीलिटी का एक बड़ा कारण टी बी भी होता है। उन्होंने कहा कि सभी अस्पताल अपने परिसर में टी बी मरीजों के लैब इनवैस्टिगेशन के लिए अलग काॅर्नर बनाएं। उन्होंने कहा कि पहले टी बी के मरीजों की पहचान करनी जरूरी है। उसके बाद डीएसटी अर्थात् ड्रग ससैटीबल ट्रीटमेंट तथा कोमोबिलिटी का ईलाज जरूरी है।
    डा. विनीत ने बताया कि जिला में टी बी उन्मूलन करने की दिशा में अभी बहुत कुछ करना बाकि है। उन्होंने बताया कि टी बी मरीजों का डाटा ‘निश्चय पोर्टल’ तथा मंथली टी बी मिरर पर डाला जाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि हर टी बी मरीज का एचआईवी टेस्ट करना भी जरूरी है।
    इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त प्रशांत पंवार, सिविल सर्जन डा. विरेंद्र यादव, एसीपी उषा, उप सिविल सर्जन डा. एम पी सिंह, डा. जयप्रकाश, डा. विनीत, आईएमए गुरूग्राम के अध्यक्ष डा. महावीर जैन भी उपस्थित थे।

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