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  • जापान में फिर ओलंपिक खेलों के टलने का खतरा बढ़ा, ओलंपिक समिति ढूंढा रही सर्वमान्य हल

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    जापान में फिर ओलंपिक खेलों के टलने का खतरा बढ़ा, ओलंपिक समिति ढूंढा रही सर्वमान्य हल

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/देश-विदेश/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/-टोक्यो 2020 कमेटी ने एक एंटी वायरस गाइडलाइन तैयार की है। इसमें कहा गया है कि बिना वैक्सीनेशन के भी खेलों का आयोजन हो सकता है। लेकिन जापान के ज्यादातर लोग इस बात से सहमत नहीं हैं। हालांकि जापान सरकार और ओलंपिक खेलों की आयोजन समिति- टोक्यो 2020- इस वर्ष ओलंपिक खेल कराने के इरादे पर अडिग है, लेकिन जापान के लोगों में खेलों के आयोजन को लेकर समर्थन घटता जा रहा है।
    इस हफ्ते जापान के एक अखबार ने खबर छापी कि इन खेलों को रद्द करने पर विचार किया जा रहा है। उस खबर के मुताबिक अगले महीने इस बारे में कोई आखिरी फैसला होगा। लेकिन ओलंपिक खेलों की आयोजन समिति ने तुरंत इस खबर का खंडन किया और इसे फेक न्यूज करार दिया। इसके बावजूद इन खेलों को लेकर अनिश्चिय बना हुआ है। जापान में फिलहाल इस आयोजन को लेकर वैसा कोई उत्साह भी नहीं है, जैसाकि कोरोना महामारी के पहले देखा जाता था। महामारी के कारण ही पिछले साल इन खेलों का आयोजन टाल दिया गया था। ये खेल मूल रूप से अगस्त 2020 में होने थे।
    अब नए कार्यक्रम के मुताबिक इसका आयोजन अगली जुलाई में होगा, जिसमें अब 200 दिन से भी कम समय बचा है। इस बीच कोरोना महामारी की नई लहर के करण टोक्यो में फिलहाल इमरजेंसी लगी हुई है। जापान के आसपास के देशों में भी कोरोना की नई लहर का फिलहाल गंभीर असर है। नए साल के मौके पर आयोजन कर्मियों के सामने अपने संबोधन में टोक्यो 2020 के सीईओ तोशिरो मुतो ने घटते जन समर्थन के बीच भी सकारात्मक तस्वीर दिखाने को कोशिश की। उन्होंने कहा कि जो लोग खेल को रद्द करना चाहते हैं, उनकी संख्या में सिर्फ पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ताजा सर्वे के मुताबिक जापान के 45 फीसदी लोगों ने कहा था कि ओलंपिक खेलों का आयोजन फिर स्थगित कर दिया जाना चाहिए, जबकि 35 फीसदी लोगों ने कहा था कि इन्हें पूरी तरह से रद्द कर देने की जरूरत है।
    मुते ने कहा कि बेशक खेलों का स्थगन चाहने वाले लोगों की संख्या काफी है, लेकिन इसका यह भी मतलब ही है कि ये लोग खेलों का आयोजन चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि खेलों का आयोजन हो इसके लिए वायरस फ्री माहौल बनाना होगा। अगर ऐसा हो, तो आयोजन के लिए लोग का समर्थन बढ़ जाएगा। लेकिन बात सिर्फ जापान के लोगों की नहीं है। विदेश में भी इस साल खेलों के ओलंपिक खेलों के आयोजन को लेकर उत्साह घटता जा रहा है। मसलन, ब्रिटेन के नौकायन चैंपियन मैथ्यू पिनसेंट ने इस हफ्ते कहा कि इन खेलों को रद्द कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके बदले 2024 के खेलों की मेजबानी टोक्यो को दी जा सकती है। पिनसेंट चार बार ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। उन्होंने एक ट्विट में कहा कि जब संभावना यह हो कि हजारों लोग बिना टीका लगवाए वहां आने को मजबूर होंगे, उस हाल में खेलों का आयोजन ऊटपटांग लगेगा।
    जापान में कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए टीकाकरण फरवरी के पहले शुरू होने की संभावना नहीं है। फिर इन खेलों में दुनिया भर के खिलाड़ी आते हैं। बहुत से विकासशील देशों में जुलाई तक टीकाकरण हो पाएगा, इसे लेकर संदेह बना हुआ है। इस बीच जापानी मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए जापान के कुछ और इलाकों में इमरजेंसी लागू की जाने वाली है। इसी हफ्ते देश में रग्बी के दो घरेलू टूर्नामेंट रद्द कर दिए गए।
    टोक्यो 2020 कमेटी ने एक एंटी वायरस गाइडलाइन तैयार की है। इसमें कहा गया है कि बिना वैक्सीनेशन के भी खेलों का आयोजन हो सकता है। लेकिन जापान के ज्यादातर लोग इस बात से सहमत नहीं हैं। साथ ही विदेश में भी बिना टीकाकरण के खेल का आयोजन कराने को लेकर एतराज बढ़ रहा है। ऐसे खेलों के आयोजन को लेकर संदेह बढ़ गया है।

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