
नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/लद्दाख/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- भारत और चीन सीमा विवाद में अभी तक भारत ने ड्रैगन की हर चाल का करारा जवाब दिया है, लेकिन फिर भी चीन मानने को तैयार नही है वह तिब्बत में सेना की गतिविधियों में तेजी से विस्तार कर रहा है। लेकिन अब भारत ने चीन की चाल का जवाब देने की बजाय ऐसी तैयारी की है जिससे चीन पर सीधी नजर रखी जा सकेगी और चीन की किसी भी चाल चलने से पहले ही उसका जवाब देने में समर्थ होगा।
भारतीय वायुसेना ने 13 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर एक एडवांस लैंडिंग ग्राउंड तैयार किया है, ताकि सेना और उसकी मदद के लिए हथियारों को समय से पहले स्।ब् पर तैनात किया जा सके। इस एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के बनने से अब भारतीय वायुसेना की सीधी नजर चीन पर होगी. या फिर यूं कहें कि चीन भारतीय वायुसेना के निशाने पर रहेगा।
पिछले एक साल से ज्यादा समय से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद जारी है और कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन दोनों ही ओर से समाधान का कोई रास्ता नहीं निकला है। बातचीत के बीच चीन लगातार अपनी सैनिकों की संख्या को बढ़ाता रहा. भारत ने भी चीन की इसी चाल पर पलटवार करते हुए सीमा पर अपने सैनिकों की संख्या को बढ़ाया।
चीन की हर चाल पर लगातार चाल चलने का ये नतीजा हुआ कि चीन को उस इलाके से पीछे हटना पड़ा, जहां उसका दावा नहीं था. लेकिन अब भारत सिर्फ चीन को पीछ धकेल कर ही शांत नहीं बैठ रहा है, बल्कि अब तो भारत आने वाले समय के लिए पहले से ही तैयारी करने में विश्वास रखता है और ऐसी ही एक तैयारी है 13 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर बना न्योमा का ये एडवांस लैंडिंग ग्राउंड है। इस एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के बनने से अब भारतीय वायुसेना की सीधी नजर चीन पर होगी।
भारतीय वायुसेना ने यहां पर चिनूक हेलीकॉप्टर, अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर्स, सी-130जे सुपर हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और 175 स्पेशल फोर्सेज के सैनिकों को तैनात किया है। इन सभी की तैनाती चीन को ये संदेश है कि विस्तारवाद की चाल भारत के साथ ना चले और इस बात का पूरा-पूरा ध्यान रखा जा रहा है कि चीन कोई चाल चलने की हालत में ही ना हो।
सेना की मदद के साथ भारतीय वायुसेना का ये कंट्रोल टावर मौसम और रडार संबंधी जानकारी भी सेना तक पहुंचाएगा. भारतीय वायुसेना के मुताबिक लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच ये कंट्रोल टावर दुश्मन की हर चाल को भांप लेगा तो अब चीन की दोहरी चाल पर भारत दोहरा वार करने के लिए लगभग तैयार है। सेना और वायुसेना की ये जोड़ी निश्चित ही चीन को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। न्योम में बना ये एडवांस लैंडिंग ग्राउंड लद्दाख के इस पूरे इलाके के लिए किसी कवच से कम नहीं है और इस कवच के रहते चीन का कोई भी वार भारत की धरती को छू भी नहीं सकेगा।
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