चिट्ठी बम प्रकरण में आया नया मोड़, एनसीपी व कांग्रेस उतरी अनिल देशमुख के बचाव में

स्वामी,मुद्रक एवं प्रमुख संपादक

शिव कुमार यादव

वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी

संपादक

भावना शर्मा

पत्रकार एवं समाजसेवी

प्रबन्धक

Birendra Kumar

बिरेन्द्र कुमार

सामाजिक कार्यकर्ता एवं आईटी प्रबंधक

Categories

October 2024
M T W T F S S
 123456
78910111213
14151617181920
21222324252627
28293031  
October 7, 2024

हर ख़बर पर हमारी पकड़

चिट्ठी बम प्रकरण में आया नया मोड़, एनसीपी व कांग्रेस उतरी अनिल देशमुख के बचाव में

-कांग्रेस व एनसीपी ने भाजपा पर लगाया महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने का आरोप, कहा - केंद्रीय एजेंसियों के दबाब में हो सकते हैं परमबीर सिंह

नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/मुंबई/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी के चिट्ठी बम प्रकरण में अब नया मोड़ आ गया है। जहां भाजपा 100 करोड़ की रिश्वत के मामले में गृहमंत्री अनिल देशमुख का इस्तीफा मांग रही है वहीं एनसीपी व कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी पर महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। पहले शरद पवार और अब कांग्रेस गृहमंसत्री अनिल देशमुख के बचाव में पूरी तरह से उतर गई है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी सेवारत अधिकारी ने सत्ता में रहने वालों के खिलाफ आरोप लगाए हैं।
मुंबई पुलिस के आयुक्त पद से हटाए जाने के कुछ दिनों बाद सिंह ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दावा किया कि राकांपा के वरिष्ठ नेता देशमुख ने वाजे एवं अन्य पुलिस अधिकारियों से मुंबई के बार एवं होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने के लिए कहा था।देशमुख ने अपने खिलाफ आरोपों को निराधार बताकर खारिज किया था। परमबीर सिंह के दावों पर सवाल उठाते हुए सावंत ने कहा, फरवरी में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद देशमुख अस्पताल में थे। बीमार रहने के दौरान दो बार मैंने उनसे ऑनलाइन बातचीत की थी। अगर परमबीर सिंह के आरोपों को सच मानकर विश्वास किया जाए तो उन्होंने मार्च तक इंतजार क्यों किया और मामले उठाने के लिए स्थानांतरण होने तक इंतजार क्यों किया। उन्होंने कहा कि सिंह केंद्रीय एजेंसियों के दबाव में हो सकते हैं क्योंकि उनके निकट सहयोगी (वाजे) एनआईए की हिरासत में हैं। उन्होंने आरोप लगाया, श्श्परमबीर सिंह के आरोपों से कई सवाल पैदा होते हैं। यह सब स्क्रिप्टेड है। सिंह का पत्र सार्वजनिक होते ही किस तरह से भाजपा नेताओं ने समाचार चैनलों को साक्षात्कार देने शुरू कर दिए थे।
एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि गृह मंत्री पर लगे आरोप गंभीर हैं। पवार ने आगे कहा कि उन्होंने यह भी कहा कि चिट्ठी पर परमबीर सिंह से हस्ताक्षर नहीं हैं। वहीं, सचिन वाझे नियुक्ति को लेकर उठ रहे सवालों पर शरद पवार ने कहा है कि उनकी नियुक्ति सीएम और गृह मंत्री ने नहीं की। उन्होंने कहा कि वाझे का निलंबन खत्म करने का फैसला परमबीर का था। शरद पवार सवाल करते हुए कहा है कि कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद परमबीर आरोप क्यों लगा रहे हैं? उन्होंने कहा कि जांच के लिए मुख्यमंत्री के पास पूरा अधिकार है। शरव पवार ने कहा कि परम बीर सिंह की चिट्ठी में सिर्फ आरोप लगाए हैं सबूत नहीं है। यह नहीं बताया गया है कि पैसा गया कहां?

About Post Author

Subscribe to get news in your inbox