नई दिल्ली/उमा सक्सेना/- गोवर्धन पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। इसे दिवाली उत्सव का प्रमुख दिन माना जाता है और भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाकर गोकुल की रक्षा करने की कथा से जोड़ा जाता है। इस दिन घरों में गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की आकृति बनाकर पूजा की जाती है। साथ ही भगवान कृष्ण की लीलाओं का स्मरण करते हुए दान, दक्षिणा और अन्य धार्मिक कर्म किए जाते हैं। हिंदू धर्म में गोवर्धन पर्वत को प्रकृति और पृथ्वी की रक्षा का प्रतीक माना गया है।
गोवर्धन पूजा 2025 की तारीख
पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि 21 अक्तूबर को शाम 5:54 बजे से शुरू होकर 22 अक्तूबर को रात 8:16 बजे समाप्त होगी। इसलिए इस बार गोवर्धन पूजा 22 अक्तूबर 2025 को मनाई जाएगी।
शुभ मुहूर्त
इस साल गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 3:13 बजे से शाम 5:49 बजे तक रहेगा। इस दौरान स्वाति नक्षत्र और प्रीति योग का संयोग रहेगा। ग्रहों की स्थिति के अनुसार सूर्य तुला राशि में होंगे और चंद्रमा भी गोचर करेगा। इसलिए यह समय पूजा के लिए विशेष रूप से कल्याणकारी माना जा रहा है।
पूजा विधि
गोवर्धन पूजा की परंपरा में सबसे पहले आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाई जाती है। इस पर रोली और चावल रखे जाते हैं। पूजा के लिए महाराज के पास दीपक जलाया जाता है। इसके बाद खीर-पूरी, बताशे, जल, दूध और केसर का अर्पण किया जाता है। श्रद्धालु सभी के साथ गोवर्धन की परिक्रमा करते हैं। पूजा समाप्त होने पर आरती की जाती है और पूजा में हुई किसी भी भूल के लिए क्षमा मांगी जाती है। मान्यता है कि इससे जीवन में सकारात्मकता और कल्याण की प्राप्ति होती है।


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