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    खाप ने किसी नेता का नही किया सामाजिक बहिष्कार -सतपाल

    नजफगढ़ मैट्रो न्यूज/हरियाणा/नई दिल्ली/शिव कुमार यादव/भावना शर्मा/- पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, सांसद बृजेंद्र सिंह सहित अन्य बांगर के नेताओं का सामाजिक बहिष्कार करने के फरमान के बाद सुर्खियों में खाप के इस फैसले के विरोध में खाप के प्रधान, खाप के गांवों के सरपंच सहित गणमान्य लोगों ने एकत्रित होकर विरोध जताया। इस फैसले को पूरी तरह से राजनीति प्रेरित बताते हुए कड़े शब्दों में निंदा की। सफा खेड़ी गांव में एकत्रित हुए चहल, दाडन खाप के लोगों की बैठक की अध्यक्षता दाडन खाप चबूतरा उचाना कलां के प्रधान सतपाल श्योकंद ने की। बता दें कि शनिवार को पालवां चबूतरे पर किसानों की पंचायत हुई थी। पंचायत के बाद खाप के प्रधान, महासचिव का विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें बांगर के नेताओं का सामाजिक बहिष्कार किए जाने के बयान वो पंचायत होने के बाद दे रहे थे।
    प्रधान श्री श्योकंद ने कहा कि खाप के नाम पर अपनी राजनीति को चमकाने के लिए किसान महापंचायत बुलाई गई थी। पंचायत में जो फैसले पास हुए थे उन फैसलों में सांसद बृजेंद्र सिंह सहित किसी भी बांगर के नेता का सामाजिक बहिष्कार करने का कोई भी प्रस्ताव नहीं था। प्रस्ताव न होने के बाद भी इस तरह का बयान अपने घर, पंचायत खत्म होने के बाद देकर खुद की राजनीति इन नेताओं के नाम पर चमकाने का काम किया है। इस तरह के फैसले से खापों की भी आघात पहुंचा है। खापें हमेशा जोडने का काम करती है न की तोडने का। खाप के नाम पर राजनीति करना बिल्कुल गलत है। किसानों के लिए राजनीति करनी है तो दिल्ली बॉर्डर पर जाकर बैठे न कि यहां पर किसानों के नाम पर बैठक कर फोटो खिंचवाने से कोई नेता नहीं बनता है। हलके की जनता सब कुछ जानती है। आप किसी का विरोध कर सकते है लेकिन सामाजिक बहिष्कार नहीं।
    झील गांव के सरपंच प्रदीप मोर ने कहा कि वो खुद इस पंचायत में शामिल हुए थे, क्योंकि पंचायत दिल्ली में किसानों का समर्थन करने को लेकर हुई थी। जिस समय प्रस्ताव पास किए गए उस समय ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं था जिसमें सांसद बृजेंद्र सिंह सहित बांगर के अन्य नेताओं का सामाजिक बहिष्कार का प्रस्ताव भी हो। ये पंचायत के बाद खुद का बयान जो खाप के पदाधिकारी बताते है उन्होंने दिया है। ये पंचायत का फैसला किसी भी तरह से नहीं था।
    चहल खाप से एवं बड़ौदा गांव के पूर्व सरपंच धर्मेंद्र चहल ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह को कैथल में कह चुके है कि किसानों के लिए वो अपनी राजनीति छोड़ सकते है। किसानों के हितों को लेकर वो शुरू से ही उनकी आवाज को उठा रहे है। राजनीति से पहले उनके लिए किसान है। कुछ लोगों ने अपनी राजनीति चमकाने के लिए किसान पंचायत के नाम पर इस तरह का भ्रामक प्रचार फैलाया है। पंचायत में इस तरह का कोई फैसला नहीं हुआ जिसमें बांगर के नेताओं सामाजिक बहिष्कार किया हो। इस मौके पर पूर्व ब्लॉक समिति चेयरमैन सुरेश तारखां, अलेवा ब्लॉक समिति चेयरपर्सन प्रतिनिधि अनिल अलेवा, हरेंद्र सिंह, अभिमन्यु, गुरनाम पालवां, काला श्योकंद, रमेश श्योकंद, चरणा शर्मा, सुरेंद्र सफा खेड़ी, रवि नंबरदार, विनोद श्योकंद, अनूप खेड़ी मंसानिया, धूपा, पूर्व सरपंच कृष्ण, बिल्लू श्योकंद, रामेश्वर खरकभूरा, जिला पार्षद प्रतिनिधि अमित, सुरेंद्र गर्ग, विकास सफा खेड़ी, ईश्वर, राजेश श्योकंद, धीरा श्योकंद फौजी मौजूद

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